Move to Jagran APP

Chandrayaan 2: लैंडिग पर NASA की रहेगी पैनी नजर, चांद पर पानी मिलने की संभावना

Chandrayaan 2 के चांद की सतह पर होने वाली लैंडिंग पर NASA पैनी नजर बनाए हुए है।Chandrayaan 2 आज से 6 दिन बाद 7 सितंबर को चांद की सतह पर लैंड करेगा

By Harshit HarshEdited By: Published: Sun, 01 Sep 2019 03:11 PM (IST)Updated: Mon, 02 Sep 2019 06:42 AM (IST)
Chandrayaan 2: लैंडिग पर NASA की रहेगी पैनी नजर, चांद पर पानी मिलने की संभावना
Chandrayaan 2: लैंडिग पर NASA की रहेगी पैनी नजर, चांद पर पानी मिलने की संभावना

नई दिल्ली, टेक डेस्क। Chandrayaan 2 आज चन्द्रमा की आखिरी Manoeuvre ऑर्बिट में प्रवेश कर सकता है। Chandrayaan 2 ने इस पांचवीं और आखिरी कक्षा में 1 सितंबर शाम 6 बजकर 21 मिनट पर प्रवेश कि्या। Chandrayaan 2 पर ISRO ही नहीं, NASA समेत दुनिया भर के स्पेस एजेंसियों की पैनी नजर बनी हुई है। NASA के पूर्व एस्ट्रॉनॉट (अंतरिक्ष यात्री) Donald A. Thomas ने कहा कि भारत के इस महत्वाकांक्षी लूनर मिशन के तहत Chandrayaan 2 के चांद की सतह पर होने वाली लैंडिंग पर NASA पैनी नजर बनाए हुए है। Chandrayaan 2 आज से 6 दिन बाद 7 सितंबर को चांद की सतह पर लैंड करेगा।

loksabha election banner

Chandrayaan 2 पहला ऐसा स्पेसक्राफ्ट बनेगा जो चांद के दक्षिणी ध्रुव (Pole) पर लैंड करेगा। ये वही हिस्सा है जहां पांच साल बाद NASA के अंतरिक्ष यात्री लैंड करने वाले हैं। NASA ही नहीं दुनिया भर की निगाहें Chandrayaan 2 की लैंडिंग पर बनी रहेगी। डोनल्ड ए थोमस ने कहा कि चांद और यूनिवर्स के बारे में जानने के लिए सभी उत्सुक हैं।

Donald A. Thomas तमिलनाडू के कोयम्बटूर स्थित पार्क कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग में रिपोर्टर्स से बात करते हुए कहा कि हमने चांद के मध्य में पहले लैंड कर चुके हैं, लेकिन ऐसा चांद की दक्षिणी सतह पर अभी तक हमने लैंड नहीं किया है। चन्द्रमा का दक्षिणी ध्रुव काफी महत्वपूर्ण है, क्योंकि हमें लगता है कि वहां बर्फ मिलने की संभावना है। अगर बर्फ मिलता है तो वहां पानी मिलने की भी संभावना बन सकती है। हमें वहां पानी मिलता है तो हम उसे हाइड्रोजन और ऑक्सीजन में तोड़ सकते हैं।

NASA के इस पूर्व अंतरिक्ष यात्री ने कहा कि, चांद इंसानों और जीव-जंतुओं के रहने के लिए कठिन जगह हो सकता है। वहां, कई तरह के विकिरण हो सकते हैं। दिन के समय चांद का तापमान 100 डिग्री सेल्सियस तक हो सकता है, जबकि रात के समय तामपाम माइनस 100 डिग्री तक हो सकता है। Chandrayaan 2 भारत के लिए पहला लूनर मिशन है जिसमें चांद की सतह पर सॉफ्ट लैंडिंग कराने का प्रयास किया जा रहा है।


इस मिशन के पूरा होते ही भारत दुनिया के उन चार देशों में शामिल हो जाएगा, जिसने चांद की सतह पर सफल सॉफ्ट लैंडिंग की हो। भारत के अलावा अमेरिका, रूस और चीन ने चांद की सतह पर सफल सॉफ्ट लैंडिंग कराई है। Chandrayaan 2 पृथ्वी की कक्षा में 23 दिनों तक रहा और 14 अगस्त 2019 को इसने चन्द्रमा की कक्षा में प्रवेश किया है। इसे 22 जुलाई 2019 को आंध्र प्रदेश के श्री हरि कोटा के सतीश धवन स्पेस सेंटर से लॉन्च किया गया था।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.