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Chandrayaan 2 Launch: Xiaomi के CEO ने ISRO और ‘New India’ को किया सैल्यूट

Chandrayaan 2 को GSLV Mk- III लॉन्च पैड के साथ अंतरिक्ष में छोड़ा गया। यह स्पेस शिप तीन मॉड्यूल्स ऑर्बिटर, विक्रम लैंडर और प्रज्ञान रोवर के साथ बना है

By Harshit HarshEdited By: Published: Mon, 22 Jul 2019 07:51 PM (IST)Updated: Mon, 22 Jul 2019 07:51 PM (IST)

नई दिल्ली, टेक डेस्क। Chandrayaan 2 के आज दिन के 2 बजकर 43 मिनट पर सफलतापूर्वक लॉन्च होते ही भारत ने इतिहास में अपना नाम दर्ज करा लिया है। अमेरिका, रूस और चीन के बाद भारत चौथा ऐसा देश बन गया है जिसने चांद पर सॉफ्ट लैंडिग करने की दिशा में कदम बढ़ा दिया है। ISRO के इस दूसरे मून मिशन में Chandrayaan 2 को GSLV Mk- III लॉन्च पैड के साथ अंतरिक्ष में छोड़ा गया। यह स्पेस शिप तीन मॉड्यूल्स ऑर्बिटर, विक्रम लैंडर और प्रज्ञान रोवर के साथ बना है। इसे धरती की कक्षा से आंध्र प्रदेश के श्री हरिकोटा के सतीश धवन स्पेस सेंटर से बाहर छोड़ा गया। इस सफल प्रक्षेपण को दुनिया भर के लोगों काफी सराहा है।

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भारत की नंबर वन स्मार्टफोन ब्रांड और चीनी स्मार्टफोन निर्मता कंपनी Xiaomi India के मैनेजिंग डायरेक्टर और ग्लोबल वाइस प्रेसिडेंट मनु कुमार जैन ने Chandrayaan 2 के सफलतापूर्वक लॉन्च को सैल्यूट करते हुए ISRO की टीम को बधाई दी है। मनु जैन ने कहा कि Chandrayaan 2 को सफलतापूर्वक लॉन्च करके ISRO ने एक और बड़ा कारनामा किया है।

भारत के इस पहले मून लैंडिंग मिशन के द्वारा चांद की सतह को एक्सप्लोर किया जाएगा। Chandrayaan 2 चांद के उस भाग पर लैंड करेगा जहां अभी तक किसी भी मिशन में लैंडिंग नहीं की गई है। स्पेसक्राफ्ट में एक लैंडर और एक रोवर होगा। इन दोनों भाग को कम्पोजिट बॉडी कहा जाता है। इसका कुल वजन 3.8 टन है और ये चांद की सतह पर इस साल 6 या 7 सितंबर के आस-पास लैंड करेगा। यह भारत का पहला मिशन होगा, जिसमें चांद की सतह पर लैंडिंग किया जाएगा।

आपको बता दें कि Chandrayaan 2 में पूरी तरह से भारतीय तकनीक का इस्तेमाल किया गया है। स्वदेशी तकनीक वाला यह स्पेसक्राफ्ट ‘New India’ का एक रिफ्लेक्शन कहा जा सकता है। Chandrayaan 2 अगर चांद की सतह पर सफलतापूर्वक सॉफ्ट लैंडिग कर लेता है तो भारत दुनिया का चौथा देश बन जाएगा, जिसने चांद पर सॉफ्ट लैंडिंग करने का कारनामा किया है। भारत के इस स्पेस मिशन की चर्चा दुनियाभर में है और भारतीय वैज्ञानिकों और ISRO को वाह-वाही भी मिल रही है।


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