Chandrayaan 2 landing 4 days to Go: ISRO रचेगा इतिहास, NASA भी है हैरान
Chandrayaan 2 के चांद की सतह पर लैंड करने की घटना पर दुनिया भर के वैज्ञानिकों की पैनी नजर है। Chandrayaan 2 7 सितंबर को रात के 1 बजकर 40 मिनट पर चांद की सतह पर लैंड करेगा
नई दिल्ली, टेक डेस्क। Chandrayaan 2 आज से ठीक 4 दिन बाद चन्द्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर लैंड करेगा। इसके साथ ही ISRO दुनिया का पहली रिसर्च एजेंसी बन जाएगी, जिसने सफलतापूर्वक चन्द्रमा के इस अनछुए दक्षिणी ध्रुव पर स्पेस शटल लैंड करवाया हो। ये सिर्फ ISRO की ही नहीं, भारत के लिए भी एक बड़ी उपलब्धि होगी। भारत उन चुनिंदा देशों की लिस्ट में शामिल हो जाएगा, जिसने चांद की सतह पर सॉफ्ट लैंडिग की हो। भारत से पहले अमेरिका, चीन और रूस ने ही सिर्फ सफलतापूर्वक चांद की सतह पर लैंड किया है। Chandrayaan 2 के चांद की सतह पर लैंड करने की घटना पर दुनिया भर के वैज्ञानिकों की पैनी नजर है। Chandrayaan 2 7 सितंबर को रात के 1 बजकर 40 मिनट पर चांद की सतह पर लैंड करेगा।
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Vikram Lander Successfully separates from #Chandrayaan2 Orbiter today (September 02, 2019) at 1315 hrs IST.
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कल विक्रम लैंडर हुआ अलग
ISRO से मिली जानकारी के मुताबिक, कल दिन के 1 बजकर 15 मिनट पर Chandrayaan 2 से विक्रम लैंडर अलग हो चुका है। अगले चार दिनों में यह लैंडर चन्द्रमा की सतह पर पहुंच जाएगा। NASA के वैज्ञानिक भी इस घटना पर पैनी नजर बनाए हुए है। NASA अगले 5 साल में अपने अंतरिक्ष यात्री को इसी दक्षिणी ध्रुव पर भेजने की तैयारी में है।
PM मोदी के साथ बच्चे देखेंगे लाइव इवेंट
Chandrayaan 2 की इस ऐतिहासिक लैंडिंग को प्रधानमंती नरेन्द्र मोदी ISRO के बैंगलूरू स्थित ISTRAC (इसरो टेलिमैट्री ट्रैकिंग एंड कमांड नेटवर्क) के कंट्रोल रूम से लाइव देखेंगे। उनके साथ देशभर से चुने हुए 60 बच्चे भी इस इवेंट को लाइव देख सकेंगे। वहीं, National Geographic चैनल पर भी इस ऐतिहासिक इवेंट को लाइव टेलिकास्ट किया जाएगा।
Chandrayaan 2 का अब तक का सफर
Chandrayaan 2 ने 22 जुलाई को आंध्र प्रदेश के श्री हरिकोटा स्थित सतीश धवन रिसर्च एजेंसी से दिन के 2 बजे के करीब अपना ये ऐतिहासिक सफर शुरू किया था। 1 सितंबर को शाम के 6 बजकर 21 मिनट पर Chandrayaan 2 ने चन्द्रमा की आखिरी Manoeuvre ऑर्बिट में प्रवेश किया था। बीते 14 अगस्त को Chandrayaan 2 पृथ्वी की कक्षा को छोड़ते हुए चांद की तरफ कदम बढ़ाया था।
ISRO का ये Moon Mission इस वजह से है खास
ISRO का यह Moon Mission कई वजहों से खास है। Chandrayaan 2 को पूरी तरीके से स्वदेशी तकनीक के साथ विकसित किया गया है। Chandrayaan 2 चन्द्रमा की सतह पर ट्रोपोग्राफी, मिनरल आइडेंटिफिकेशन (खनिज का पता लगागा) और इसके डिस्ट्रीब्यूशन (फैलाव), मिट्टी की थर्मो-फिजिकर कैरेक्टर, सर्फेस केमिकल कम्पोजिशन और चन्द्रमा के वातावरण का अध्ययन करेगा।