Move to Jagran APP

BodyGuard App: फोन चोरी होने या फिर साइबर फ्रॉड होने पर मिलेगा 25,000 रुपये बीमा कवर, जानें पूरी डिटेल

यह बताने की जरूरत नहीं है कि साइबर सिक्योरिटी किसी भी डिवाइस जैसे मोबाइल लैपटॉप कंप्यूटर के लिए बेहद जरूरी है। बता दें कि ऐसी सभी डिवाइस हमेशा साइबर अपराधियों के रडार पर रहती हैं। दरअसल मौजूदा वक्त इंटरनेट का है जहां हर डिवाइस इंटरनेट से कनेक्टेड है।

By Saurabh VermaEdited By: Published: Wed, 07 Sep 2022 03:42 PM (IST)Updated: Wed, 07 Sep 2022 03:42 PM (IST)
BodyGuard App: फोन चोरी होने या फिर साइबर फ्रॉड होने पर मिलेगा 25,000 रुपये बीमा कवर, जानें पूरी डिटेल
Photo Credit - Mobile insurance plan File Photo

नई दिल्ली, सौरभ वर्मा। मौजूदा दौर में मोबाइल फोन चोरी होना आम हो गया है। साथ ही फोन साइबर फ्रॉड की घटनाएं तेजी से बढ़ रही हैं, जिससे यूजर्स को बड़े नुकसान का सामना करा पड़ता है। साथ ही मानसिक तौर पर भी परेशानी होती है। इस परेशानी से bodyguard ऐप निजात दिला सकता है, जो कि एक मोबाइल इंश्योरेंस ऐप है। इस बारे में दैनिक जागरण ने Safehouse Technologies के को-फाउंडर और सीबीओ के अदित्य नारंग से बातचीत की, जो इस प्रकार है..

loksabha election banner

मोबाइल डिवाइस पर साइबर सिक्योरिटी के क्या खतरे हैं?

यह बताने की जरूरत नहीं है कि साइबर सिक्योरिटी किसी भी डिवाइस जैसे मोबाइल, लैपटॉप, कंप्यूटर के लिए बेहद जरूरी है। बता दें कि ऐसी सभी डिवाइस हमेशा साइबर अपराधियों के रडार पर रहती हैं। दरअसल मौजूदा वक्त इंटरनेट का है, जहां हर डिवाइस इंटरनेट से कनेक्टेड है। ऐसे में मोबाइ सिक्योरिटी के लिए डिजिटल सेफ्टी के साथ ही अतिरिक्त सावधानी बरतने की जरूरत है। ऐसा इसलिए है, क्योंकि हमारा ज्यादातर प्राइवेट डेटा जैसे पिक्चर, बैंकिंग ऐप्स, ऑफिशियल और पर्सनल ई-मेल और पर्सनल मैसेज हमारे स्मार्टफोन पर मौजूद हैं। ऐसे में मोबाइल पर साइबर हमलों का ज्यादा खतरा बना रहता है। इसके बावजूद कई सारे लोग साइबर सिक्योरिटी पर ध्यान नहीं देते हैं। मेरे मुताबिक, ग्राहकों को साइबर हमलों से बचान के लिए अपनी और अपनी डिवाइस की सुरक्षा अपनी तरफ से करना चाहिए।

एक वक्त ऐसा हुआ करता था, जब आपके मोबाइल फोन की सुरक्षा के लिए एंटी-वायरस पर्याप्त होता था। लेकिन आज के बदले माहौल में साइबर अपराधी नए-नए प्रयोग कर रहे हैं। ऐसे में मोबाइल फोन पर हमला करने के नए-नए तरीके सामने आ रहे हैं। इसलिए ग्राहकों को मोबाइल फोन की सुरक्षा को लेकर एक कदम आगे सोचने की जरूरत है। ऐसे में एक ऐसा ऐप होना चाहिए, जो मोबाइल डिवाइस को पूरी तरह से सुरक्षित बना सके। ऐसे में हम साइबर हमलों से खुद को बचाने के लिए कुछ जरूरी कदम बता रहे है।

  • डिवाइस समय पर करें अपडेट

यूजर्स को अपने मोबाइल फोन को हमेशा अप-टू-डेट रखना चाहिए। इस प्रैक्टिस से आपका मोबाइल फोन ऑनलाइन हमलों से बचा रहेगा। स्मार्टफोन कंपनी समय-समय पर डिवाइस की सेफ्टी के लिए सिक्योरिटी और एंड्रॉइड अपडेट जारी करती रहती हैं, जो आपकी डिवाइस को सिक्योर बनाती हैं।

  • बिना जरूरी ऐप्स न करें इंस्टॉल

ज्यादातर स्मार्टफोन यूजर्स एडिटिंग ऐप्स, वीडियो एडिटिंग ऐप्स, फेस स्वैप ऐप्स का उपयोग करते हैं। इन ऐप्स को डाउनलोड करने से पहले इनकी रेटिंग और डेवलपर्स पर ध्यान दें, जिससे मालूम कर पाएंगे कि ऐप प्रमाणिक है या नहीं। क्योंकि ऐसे ऐप्स ही आपके फोन में मैलवेयर और वायरस इंस्टॉल के लिए जिम्मेदार होते हैं।

  • किसी भी वाई-फाई का उपयोग करने से बचें

सार्वजनिक वाई-फाई का इस्तेमाल करने से बचना चाहिए। यह आपकी व्यक्तिगत और वित्तीय जानकारी को खतरे में डालता है। अक्सर ओपन वाई-फाई नेटवर्क सुरक्षित नहीं होते हैं। ऐसे में हैकर्स के लिए ओपन वाई-फाई से हैकिंग करना आसान होता है।

  • अननोन लिंक पर न करें क्लिक

यूजर्स को अननोन लिंक्स पर क्लिक नहीं करा चाहिए। साथ ही ई-मेल में एम्बेड किए गए लिंक को खोलते समय या अटैचमेंट डाउनलोड करते समय सतर्क रहें। आप निश्चित रूप से अपने व्यक्तिगत और वित्तीय डेटा को जोखिम में नहीं डालना चाहेंगे। अननोन लिंक पर क्लिक करने से पहले ऑफिशियल वेबसाइट से प्रमाणितकता चेक कर लें।

  • डिवाइस को दें सिक्योरिटी सॉल्यूशन

वायरस या किसी भी प्रकार का मैलवेयर आपके डिवाइस को नुकसान पहुंचा सकता है या फिर डिवाइस को धीमा कर सकता है। साथ ही आपके डेटा को नष्ट कर सकता है। साथ ही हैकर्स आपके ई-मेल से फर्जी मेल भी भेज सकता है। ऐसे में आपको सिक्योरिटी सॉल्यूशन लेना चाहिए, जो डिवाइस सेफ्टी को इंप्रूव कर सकेंगी। मतलब डिवाइस पर वायरस हमले को रोका जा सकता है। ऐसे में बॉडीगार्ड मोबाइल सिक्योरिटी डाउनलोड करना चाहिए।

क्या भारत साइबर हमलों के लिए सॉफ्ट टारगेट है?

भारत हमेशा साइबर हमलों के लिए टारगेट पर रहा है। खासकर कोविड के बाद साइबर हमलों में इजाफा दर्ज किया गया है। भारत तेजी से डिजिटलीकरण के दौर से गुजर रहा है। लेकिन डिजिटल प्लेटफॉर्म इसके लिए पूरी तरह से तैयार नहीं हैं। भारत में इंटरनेट साक्षरता की निरंतर कमी, ठोस साइबर सुरक्षा बुनियादी ढांचे को विकसित करने की जरूरत है। इस साल जून तक भारत में लगभग 6,74,021 साइबर हमले हुए हैं, जो एक दिन में लगभग 3700 साइबर मामलों का शिकार रहा है।

एफबीआई की रिपोर्ट के मुताबिक भारत दुनिया में सबसे ज्यादा साइबर अपराध झेलने वाला चौथा देश है। यह लगातार दूसरा मौका है, जब भारत चौथा सबसे ज्यादा साइबर हमलों वाला देश बना है। ऐसी कई सारी वजह हैं, जिनसे भारत दुनिया में सबसे ज्यादा साइबर हमलों वाला देश बन गया है।

खासकर ग्रामीण भारत में इंटरनेट यूजर्स की बढ़ती संख्या, इंटरनेट की जागरूकता और समझ की कमी से साइबर हमले बढ़ रहे हैं। हाल ही में IAMAI- Kantar रिपोर्ट के अनुसार, ग्रामीण भारत भारत के इंटरनेट उपयोग के विकास को चला रहा है। पिछले साल ग्रामीण क्षेत्रों में इंटरनेट यूजर्स की संख्या बढ़कर 351 मिलियन से ज्यादा हो गई है। जब हम इंटरनेट और स्मार्टफोन का खूब इस्तेमाल करते हैं, तो डिजिटल साक्षरता और जागरूकता जरूरी हो जाता है।

मोबाइल इंश्योरेंस प्लान के बारे में बताइए?

पिछले दो साल में महामारी के दौर और इंटरनेट के बढ़ते उपयोग और टेक्नोलॉजी एडॉप्शन की वजह से साइबर हमलों में बढोतरी दर्ज की जा रही है। भारत में बैंक फ्रॉड समेत कई तरह की घटनाओं को अंजाम दिया जा रहा है। इसके लिए मोबाइल सेफ्टी ऐप BodyGuard साइबर बीमा लेना चाहिए, जो डिजिटल लेनदेन के फ्रॉड के जोखिम की भरपाई करता है। इसमें अधिकतम 25,000 रुपये का कवरेज दिया जा रहा है। BodyGuard यूजर्स को एक्स्ट्रा लेयर सिक्योरिटी मुहैया कराता है. इसके अलावा यूजर्स को सिक्योर इंटरनेट एक्सपीरिएंस देता है, जो कि AI पॉवर्ड है। साथ ही फोन चोरी का इंश्योरेंस कवर दिया जा रहा है। इसमें डिजिटल क्लेम प्रोसेस मिलता है।

BodyGuard ऐप सरल यूजर इंटरफेस के साथ अपने यूजर्स इंटरनेट बेस्ड रिस्क को कम करता है। ऐप यूजर्स की डिजिटल पहचान को सुरक्षित बनाने में मदद करता है। साद ही फोन चोरी होने पर फोन को ट्रैक करता है। सेफहाउस टेक्नोलॉजीज लगातार अपने यूजर्स को एक सेफ्टी इंटरनेट एक्सपीरिएंस देता है।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.