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डाटा प्रोटेक्शन बिल: वॉयस कमांड डिवाइस के लिए भी लेनी पड़ सकती है मंजूरी!

डाटा प्रोटेक्शन बिल आने के बाद यूजर्स का पर्सनल डाटा सुरक्षित हो जाएगा लेकिन इस बिल का प्रभाव Alexa और Google Home जैसे डिवाइस पर पड़ सकता है

By Renu YadavEdited By: Published: Thu, 12 Dec 2019 05:33 PM (IST)Updated: Thu, 12 Dec 2019 05:34 PM (IST)
डाटा प्रोटेक्शन बिल: वॉयस कमांड डिवाइस के लिए भी लेनी पड़ सकती है मंजूरी!
डाटा प्रोटेक्शन बिल: वॉयस कमांड डिवाइस के लिए भी लेनी पड़ सकती है मंजूरी!

नई दिल्ली, टेक डेस्क। पिछले दिनों खबर थी कि संसद में डाटा प्रोटेक्शन बिल पेश किया जाएगा। वहीं अब यह बिल लोकसभा में पेश हो गया है और इसे ज्वाइंट पार्लियामेंट्री कमेटी के पास भेजा। यह बिल संसद में ही नहीं बल्कि संसद के बाहर भी चर्चा में बना हुआ है। क्योंकि इस बिल का मुख्य उद्देश्य यूजर्स के पर्सनल डाटा को सुरक्षा प्रदान करना है। डाटा प्रोटेक्शन बिल को अगर संसद में मंजूरी मिल जाती है तो डाटा सिक्योरिटी काफी मजबूत हो जाएगी। साथ ही यूजर्स को वॉयस कमांड और फेस अनलॉक करने के लिए भी सरकार से मंजूरी लेनी पड़ेगी। 

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डाटा प्रोटेक्शन बिल पास होने के बाद आपको वॉयस कमांड, स्मार्टफोन फिंगर​प्रिंट, फेस अनलॉक करने के लिए डाटा लेने पर भी पहले सरकार की अनुमति लेनी होगी। इसका असर आपके घर में मौजूद Alexa और Google Home डिवाइसेज पर भी पड़ सकता है। क्योंकि इन वॉयस कमांड का इस्तेमाल आप सरकार की मंजूरी के बिना नहीं कर पाएंगे। ऐसे में इन डिवाइसेज के मार्केट में बने रहना थोड़ा मुश्किल हो सकता है। हालांकि स्पष्ट तौर पर तो बिल पास होने के बाद ही कुछ कहा जा सकता है। 

लेकिन डाटा प्रोटेक्शन बिल के पास होने के बाद वॉयस कमांड के जरिए चलने वाले डिवाइसेज पर रोक लग सकती है। साथ ही बिना मंजूरी के ​यूजर्स के लिए फिंगरप्रिंट और फेस अनलॉक फीचर का इस्तेमाल करके फोन अनलॉक करना बेहद मुश्किल हो जाएगा। इस बिल में पर्सनल डाटा की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए बायोमैट्रिक्स लेने के लिए सरकार की अनुमति लेना अनिवार्य होगा। 

डाटा प्रोटेक्शन बिल की बात करें तो इस बिल में यूजर्स के पर्सनल डाटा को सुरक्षित रखने की बात कही गई है। इसके आने के बाद डाटा लेने और उसे स्टोर करने के लिए उपभोक्ता की मंजूरी लेना अनिवार्य होगा। इसके अलावा बिल में पर्सनल डाटा की सिक्योरिटी के लिए कुछ नियम भी बनाए गए हैं, जिसमें डाटा से पहले यूजर्स की मंजूरी और डाटा का गलत इस्तेमाल करने पर पेनाल्टी जैसी चीजें शामिल हैं। वैसे बता दें कि इस बिल को साल 2018 में 'द पर्सनल डाटा प्रोटेक्शन बिल' के नाम से पेश किया गया था। 


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