YouTube पर कोरोना के सबसे ज्यादा देखे गए वीडियो में से 25% फर्जी, रिपोर्ट
कोरोनावायरस महामारी के बीच YouTube पर कोविड-19 से जुड़ी गलत सूचनाएं अपलोड करने के मामलों में इजाफा दर्ज किया गया है।
नई दिल्ली, टेक डेस्क। YouTube भारत समेत दुनियाभर में आज के वक्त में जरूरी सूचनाएं पहुंचाने का बड़ा प्लेटफार्म बन चुका है। लेकिन इस प्लेटफार्म पर मौजूद वीडियो की सत्यता को लेकर एक बार फिर सवाल उठाए जा रहे हैं। ब्रिटिश मेडिकल जनरल की रिपोर्ट के मुताबिक YouTube पर सबसे ज्यादा देखे जाने वाले वीडियो में से करीब 25 फीसदी गलत और गुमराह करने वाली सूचनाएं देते हैं। रिपोर्ट्स में दावा किया गया है कि कोरोनावायरस महामारी के बीच YouTube पर कोविड-19 से जुड़ी गलत सूचनाएं देने के मामलों में इजाफा दर्ज किया गया है।
शोध में पाया गया कि कोरोनावायरस से जुड़े देखे जाने वाले सबसे ज्यादा वीडियो को 21 मार्च 2020 तक अपलोड किया गया है। इन वीडियो को अपलोड करते वक्त Coronavirus और COVID-19 की-वार्ड्स यूज किए गए हैं। रिसर्च में कोरोना से जुड़े देखे जाने वाले सबसे ज्यादा 69 वीडियो में से 19 फर्जी और गलत सूचनाएं देने वाले मौजूद हैं। इन वीडियो को अब तक 200 मिलियन से ज्यादा लोगों ने देखा है। कोरोना से जुड़ी गलत सूचना देने वाले 19 वीडियो में से 6 एंटरटेनमेंट कैटेगरी (32%), 5 न्यूज नेटवर्क कैटेगरी (26%), 5 एंटरटेनमेंट न्यूज कैटेगरी (26%) और तीन कंज्यूमर कैटेगरी (13%) के हैं। रिपोर्ट्स की मानें, तो YouTube पर हर हफ्ते में लाखों वीडियो अपलोड होते हैं और मंथली करीब करोड़ों की संख्या में यूजर्स YouTube प्लेटफार्म पर विजिट करते हैं। मौजूदा वक्त में YouTube के यूजर्स की संख्या करीब 2 बिलियन हैं।
YouTube के अलावा अन्य सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर भी कोरोनावायरस से जुड़ी गलत सूचनाएं और कॉन्सपिरेसी थ्योरी वाला कंटेंट बढ़ा है। YouTube की तरफ से हाल ही में कैलिफोर्निया के उन दो डॉक्टर्स के वीडियो को हटा दिया गया, जो कोविड-19 की गंभीरता को हल्के में लेकर उसे YouTube पर प्रचारित कर रहे थें। इसके बाद से डॉक्टर्स से अपील की गई कि वो लोगों को सोशल मीडिया पर कोरोना से जुड़ी गलत सूचनाएं देने से बचें। Youtube के बाद Twitter ने सोमवार को ऐलान किया कि वो यूजर्स को कोरोनावायरस के बारे में विवादित या भ्रामक दावे करने वाले ट्विट न करने की सलाह दे रहा है।