Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    फोन में इंस्टॉल जासूसी एप की कैसे करें पहचान और बचाव का क्या है तरीका?

    Updated: Tue, 02 Dec 2025 06:56 PM (IST)

    संचार साथी एप को लेकर विवाद हो गया है। विपक्ष का आरोप है कि सरकार इससे जासूसी कर रही है। सरकार का कहना है कि यह साइबर सिक्योरिटी टूल है। जासूसी एप्स य ...और पढ़ें

    Hero Image

    टेक्नोलॉजी डेस्क, नई दिल्ली। संचार साथी एप को सभी फोन के लिए जरूरी और प्री-इंस्टॉल करने पर विवाद बढ़ता जा रहा है। विपक्ष का कहना है कि सरकार इस एप के जरिए जासूसी करना चाहती है। सरकार का कहना है कि यह एप जासूसी नहीं, साइबर सिक्योरिटी टूल है। इसे लेकर सफाई देते हुए केंद्रीय संचार मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया का कहना है कि यह ऐप फोन्स के लिए कंपलसरी नहीं है। इसे यूजर डिलीट भी कर सकते हैं। यहां हम आपको जासूसी एप्स क्या होती है और इन्हें कैसे पहचान सकते हैं इसके बारे में डिटेल में जानकारी दे रहे हैं।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    क्या होती हैं जासूसी एप्स

    जैसा कि नाम से पता चलता है कि जासूसी एप्स का इस्तेमाल किसी यूजर पर नजर रखने के लिए किया जाता है। इन एप्स से न सिर्फ किसी यूजर पर नजर रखी जाती है बल्कि उसके पर्सनल डेटा और लोकेशन एक्सेस भी किया जा सकता है। इस डेटा में यूजर की फोन लॉग, एसएमएस, ईमेल और दूसरी डिटेल्स होती हैं। कुछ जासूसी एप तो फोन में आई कॉल सुनने के साथ कॉल भी लगा सकते हैं।

    जासूसी एप्स का पता कैसे लगाएं?

    फोन में जासूसी एप्स के इंस्टॉल होने पर कुछ संकेत मिलते हैं। इन संकेत की मदद से आप अपने फोन में जासूसी एक्टिविटी और इस तरह की एप्स की पहचान कर सकते हैं। यहां हम आपको वो तरीके बता रहे हैं, जिनसे आप इनकी पहचान कर सकते हैं।

    • रेंडम रीबूट और शटडाउन
    • बैटरी का जल्दी खत्म होना
    • अचानक डेटा इस्तेमाल बढ़ना
    • फोन में अनजान फाइल्स और एसएमएस
    • कॉल के दौरान अनयूजुअल आवाजें
    • स्क्रीन में ग्रीन या ऑरेंज लाइट
    • परमिशन मैनेजर

    रेंडम रीबूट और शटडाउन

    अगर फोन में कोई जासूसी एप इंस्टॉल है तो फोन कई बार अचानक रीबूट या शटडाउन हो सकता है। इसके साथ ही फोन कई बार असामान्य व्यवहार जैसे - बिना किसी नोटिफिकेशन के फोन की डिस्प्ले ऑन होती है। यह सब संकेत फोन में किसी स्पाईवेयर या कोई ऐसी एप हो सकती हैं, जो आपकी जासूसी कर रही हैं।

    बैटरी का जल्दी खत्म होना

    अगर आपके फोन की बैटरी तेजी से खत्म हो रही है। तो संभव है कि कोई ऐप जरूरत से ज्यादा बैटरी खपत कर रही है, जो आपकी जासूसी कर रही है। फोन के सेटिंग में बैटरी ऑप्शन में जाकर आप उन एप्स का पता कर सकते हैं, जो ज्यादा बैटरी की खपत कर रही हैं। इससे आप पता कर सकते हैं कि कौन-सी एप ज्यादा बैटरी यूज कर रही है। इससे आप जासूसी करने वाली एप का पता भी लगा सकते हैं।

    डेटा की ज्यादा खपत

    अगर आपके फोन का डेटा यूज अचानक से बढ़ गया है तो यह भी फोन में जासूसी एप के होने का संकेत है। संभव है कि जासूसी एप आपके फोन से डेटा ट्रांसफर के लिए डेटा का इस्तेमाल कर रही हो। फोन के डेटा मैनेज से आप यह देख सकते हैं कि कौन-सी एप ज्यादा डेटा का इस्तेमाल कर रही है। अगर आपको कुछ असामान्य मिलता है तो आप ऐसे मैलवेयर या एप का पता लगा सकते हैं।

    फोन में अनजान फाइल्स और एसएमएस

    फोन में आपको अनजान या संदिग्ध फाइल्स सेव दिख रही हैं, तो आपको यह भी फोन में जासूसी एप होने का संकेत हो सकता है। अपने फोन में सेव फाइल की समय-समय पर जांच करते रहे हैं। गैर-जरूरी फाइल्स को डिलीट करते रहें। इससे आप अनजान फाइल्स की पहचान आसानी से कर पाएंगे। इसके साथ ही अपने मैसेज फोल्डर को भी समय-समय पर चेक करते रहें, अगर कुछ असामान्य या अनजान मैसेज दिखे तो सतर्क हो जाएं।

    कॉलिंग के दौरान अनयूजुअल आवाजें

    कॉलिंग के दौरान आपको कुछ असामान्य आवाज या फिर नॉइस सुनने को मिल रहा है तो संभव है कि कोई आपके फोन से जासूसी कर रहा है। कई बार खराब नेटवर्क में हमें कॉल साफ सुनाई नहीं देती है। अगर ऐसा हर कॉल के दौरान हो रहा है तो सावधान हो जाए और फोन की गहनता से जांच करें।

    स्क्रीन में ग्रीन या ऑरेंज लाइट

    सभी फोन में प्राइवेसी के लिए कैमरा या माइक्रोफोन इस्तेमाल होने के दौरान स्क्रीन में ग्रीन और ऑरेंज कलर का डॉट दिखाई देता है। अगर आपके फोन में बिना किसी वजह से यह लाइट दिख रही हैं तो यह पक्का है कि कोई एप आपकी आवाज या वीडियो रिकॉर्ड कर रही है।

    परमिशन मैनेजर

    एंड्रॉयड और आईफोन में सेटिंग में परमिशन मैनेजर मिलता है। यहां से आप फोन में इंस्टॉल एप कौन से डेटा या परमिशन एक्सेस कर रही है इसका पता लगाकर भी जासूसी करने वाली एप्स को खोज सकते हैं।

     

    जासूसी एप्स मिलने पर क्या करें?

    अगर आपने जासूसी एप्स की पहचान कर ली है। तो सबसे पहले इसे अनइंस्टॉल कर लें। लेकिन कई बार एप्स की जगह फोन में हिडन मैलवेयर इंस्टॉल रहती हैं। इसके साथ ही जासूसी एप्स फोन में मैलवेयर भी इंस्टॉल कर देते हैं। इन्हें सिर्फ अनइंस्टॉल करने से काम नहीं बनेगा। ऐसे में संभव हो तो अपने फोन को फैक्ट्री रिस्टोर करें। फोन में इंस्टॉल सभी बैंकिंग और यूपीआई ऐप का पिन और पासवर्ड बदल दें। ईमेल, गूगल अकाउंट और सोशल मीडिया अकाउंट के भी पासवर्ड अपडेट कर लें।

    यह भी पढ़ें- क्या जासूसी ऐप है संचार साथी: एंड्रॉयड और iOS में कौन-सी परमिशन हैं जरूरी?