भारत में सबसे ज्यादा डिलीट किए जा रहे हैं ट्विटर अकाउंट, यह है बड़ी वजह
ट्विटर ने आतंकवाद को बढ़ावा देने वाले 10 लाख अकाउंट किए बंद
नई दिल्ली(टेक डेस्क)। ट्विटर की 12वीं द्वैवार्षिक ट्रांसपेरेंसी रिपोर्ट के अनुसार कपनी को कुल अकाउंट रिमूवल रिक्वेस्ट में से 3 प्रतिशत आवेदन भारत सरकार/पुलिस और कोर्ट से मिले हैं। जुलाई और दिसंबर 2017 के बीच भारत सरकार ने 315 ट्विटर अकाउंट की जानकारी हासिल करने के लिए रिक्वेस्ट की। जनवरी से जुलाई के मध्य यह आंकड़ा 261 का था। सरकार ने माइक्रो ब्लॉगिंग वेबसाइट को 144 अकाउंट रिमूव करने को कहा जो पहले के 102 के आंकड़े से ज्यादा था।
ट्विटर ने डिलीट किए 1.2 मिलियन अकाउंट: भारत सरकार द्वारा 315 ट्विटर अकाउंट की जानकारी के आवेदन में से ट्विटर ने इस तरह की 15 रिक्वेस्ट पर जानकारी दी है। ट्विटर ने सरकार द्वारा दी गई जानकारी के आवेदन को कानून और अन्य सरकारी एजेंसीज द्वारा जारी किया गया आवेदन माना है। अगस्त 2015 से लेकर अब तक कंपनी ने 1.2 मिलियन से ज्यादा अकाउंट रिमूव किए हैं। कंपनी ने बताया कि-'' पिछले साल के अंत तक हमने इस तरह के 274460 अकाउंट स्थायी तौर पर सस्पेंड कर दिए थे।
जारी किए गए एक स्टेटमेंट में ट्विटर ने कहा, 'सालों की कड़ी मेहनत के बाद हम अपने प्लेटफॉर्म को एक ऐसी जगह बनाने में कामयाब हुए हैं, जहां हिंसा और आतंकवाद जैसी चीजों के लिए कोई जगह नहीं है। हमें यह बदलाव नजर भी आ रहा है। ट्विटर पर होने वाली ऐसी गतिविधियों में अब कमी आई है।'
अकाउंट जानकारी आवेदन के मामले में यूएस पहले स्थान पर : यूएस अकाउंट की जानकारी हासिल करने के लिए आवेदन करने के मामले में टॉप पर रहा है। यूएस की ओर से रिक्वेस्ट का आंकड़ा 28 प्रतिशत था। आवेदन के मामले में टॉप पर होने के बावजूद वर्ष 2012 से यूएस के आवेदन के आंकड़ों में 17 प्रतिशत तक की गिरावट देखने को मिली है।
जापान है दूसरे नंबर पर: पिछली तीन रिपोर्ट्स के अनुसार, इस क्रम में यूएस के बाद आवेदन के मामले में जापान दूसरे नंबर पर आता है। जापान ने कुल 24 प्रतिशत जानकारी के आवेदन दिए।
रिपोर्ट में दावा किया गया है कि आतंकवाद को बढ़ावा देने के लिए सरकारी रिकॉर्ड में जितनी भी रिपोर्ट दर्ज हैं, वे अभी तक रद किए गए अकाउंट्स के 0.2 फीसद से भी कम हैं। इसने ह्यूमन राइट्स वॉच रिपोर्ट का हवाला दिया जिसमें सुझाव दिया गया है कि दुनिया भर की सरकारें सोशल मीडिया कंपनियों को सेंसर के तौर पर इस्तेमाल कर ऑनलाइन स्पीच पर पाबंदी लगा रही है।