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Huawei Harmony OS इन वजहों से Google Android OS को दे सकता है चुनौती

Huawei ने ये साफ किया की Harmony OS को Android OS के रिप्लेसमेंट के तौर पर नहीं लाया गया है। इस नए ऑपरेटिंग सिस्टम को मल्टी डिवाइस कनेक्टिविटी के तौर पर पेश किया गया है

By Harshit HarshEdited By: Published: Sun, 11 Aug 2019 07:51 PM (IST)Updated: Mon, 12 Aug 2019 08:35 AM (IST)
Huawei Harmony OS इन वजहों से Google Android OS को दे सकता है चुनौती
Huawei Harmony OS इन वजहों से Google Android OS को दे सकता है चुनौती

नई दिल्ली, टेक डेस्क। चीनी टेक्नोलॉजी और स्मार्टफोन निर्माता कंपनी Huawei ने अपने डेवलपर कांफ्रेंस में अपने नए ऑपरेटिंग सिस्टम Harmony OS को लॉन्च कर दिया है। इस ऑपरेटिंग सिस्टम के बारे में कई महीनों से खबरें आ रही थी। इसे चीन और अमेरिका के बीच चल रहे ट्रेड वॉर की भी उपज कहा जा रहा है। दरअसल, मई में अमेरिकी सरकार द्वारा चीनी कंपनी Huawei को अमेरिकी कंपनियों के सॉफ्टवेयर सपोर्ट को बैन करने के बाद Huawei ने अपने इस नए ऑपरेटिंग सिस्टम को लॉन्च किया है। हालांकि, बाद में अमेरिकी सरकार ने Huawei पर से लगे बैन को हटा लिया था।

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डेवलपर्स कांफ्रेंस में Huawei ने ये साफ किया की Harmony OS को Android OS के रिप्लेसमेंट के तौर पर नहीं लाया गया है। इस नए ऑपरेटिंग सिस्टम को मल्टी डिवाइस कनेक्टिविटी के तौर पर पेश किया गया है। हालांकि, 8 ऐसी वजहें हैं जो Harmony OS को Android के लिए चुनौती बना सकती है।

Counterpoint की हाल ही में जारी की गई Q1 2019 की रिपोर्ट के मुताबिक, Huawei इस समय Samsung के बाद दुनिया का सबसे बड़ा शिपमेंट करने वाली कंपनी है। साल की पहली तिमाही में Huawei ने ग्लोबली 59.1 मिलियन स्मार्टफोन्स शिप किए हैं। Google नहीं चाहेगा कि एंड्रॉइड ऑपरेटिंग सिस्टम इस्तेमाल करने वाली इतनी बड़ी कंपनी उसके हाथ से जाए। लेकिन, Harmony OS के लॉन्च के बाद ये एंड्रॉइड के लिए नई चुनौती पेश कर सकती है।

  • चीन और अमेरिका के बीच चल रहे प्राइस वॉर के बीच चीनी सरकार अन्य चीनी कंपनियों Xiaomi, OnePlus, Vivo, Oppo को Harmony OS इस्तेमाल करने के लिए कह सकती है। ऐसे में Google का बड़ा बाजार छिन सकता है।
  • चीन अपने ऐप डेवलपर्स को एंड्रॉइड ऑपरेटिंग सिस्टम के लिए ऐप्स बनाने से भी रोक सकता है। ऐसे में एंड्रॉइड यूजर्स को कई ऐप्स नहीं मिलेंगे, जिसके बाद यूजर्स Harmony OS की तरफ स्वीच कर सकते हैं।
  • Huawei यूरोप में भी Google के लिए बड़ा कॉम्पीटिटर बन सकता है। Huawei का यूरोपीय बाजार में अच्छा यूजरबेस है। इसके अलावा दक्षिण एशियाई देशों में भी Huawei के स्मार्टफोन्स काफी बिकते हैं।
  • Huawei पर लगे बैन को अमेरिका अगर आगे बढ़ाता है तो चीन भी Google समेत अन्य अमेरिकी कंपनियों पर बैन लगा सकता है। ऐसे में Google के एंड्रॉइड ऑपरेटिंग सिस्टम को भारी नुकसान हो सकता है।
  • Huawei अपने आप में एक बड़ी टेक्नोलॉजी कंपनी है जो सॉफ्टवेयर के साथ ही चिपसेट, टेलिकॉम इक्वीपमेंट्स जैसे प्रोडक्ट्स डेवलप करती है।
  • Huawei यूजर्स अगर HarmonyOS का इस्तेमाल करते हैं तो ऐसे में Google को अपनी Google Suite सर्विस को यूजर्स को भविष्य के लिए उपलब्ध कराना पड़ सकता है। 

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