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गूगल कैसे पता लगाता है कि क्या सर्च करना चाहते हैं आप, ये हैं बड़ी बातें

गूगल ‘ऑटो कम्प्लिट प्रिडिक्शन’ से उन शब्दों को हटा देता है, जो गलत होते हैं या कहें आपके काम की नहीं होती हैं।

By Shridhar MishraEdited By: Published: Tue, 24 Apr 2018 05:44 PM (IST)Updated: Mon, 30 Apr 2018 07:32 AM (IST)
गूगल कैसे पता लगाता है कि क्या सर्च करना चाहते हैं आप, ये हैं बड़ी बातें
गूगल कैसे पता लगाता है कि क्या सर्च करना चाहते हैं आप, ये हैं बड़ी बातें

नई दिल्ली (टेक डेस्क)। क्या आपने कभी सोचा है कि जब आप गूगल सर्च बार में कुछ टाइप करते हैं, तो कैसे गूगल आपके मन की बात को आसानी से जान जाता है? अक्सर हम देखतें है कि जब हम कुछ सर्च करने के लिए टाइप करते हैं गूगल उन बातों का सुझाव देने लगता है। इसके कारण हमारा समय तो बचता ही है, साथ ही सर्च करना आसान लगता है। लेकिन ये पूरी प्रक्रिया काम कैसे करती है शायद ही आपको पता होगा। अगर आपको नहीं पता तो हम इसके बारे में आपको बताने जा रहे हैं। ताकि जब अगली बार आप कुछ टाइप करें और गूगल आपके मन की बात समझ लें तो आपको इसका कारण भी पता हो।

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गूगल किसी भी सर्च रिजल्ट को महज 0.03 सेकेंड्स में पूरा करता है। गूगल उन शब्दों को हटा देता है जो गलत होते हैं या कहें आपके काम की नहीं होते हैं।

हाल ही में दिग्गज सर्च कंपनी ने एक ब्लॉग पोस्ट में बताया कि ‘ऑटो कम्प्लिीट प्रिडिक्शन’ कैसे काम करता है। पोस्ट में ये भी बताया गया है कि किन पैरामीटर्स के आधार पर गूगल उन शब्दों को हटा देता है, जो आपके काम के नहीं होते हैं।

‘ऑटो कम्प्लिीट प्रिडिक्शन’ के बारे में समझाने से पहले ‘गूगल सर्च’ के सलाहकार डैनी सुलिवन ने बताया कि यहां ये समझना जरूरी है कि जब आप सर्च करते हैं तो गूगल अनुमान लगाता है, न कि वो आपको सुझाव देता है। यानी गूगल अनुमान लगाता है कि यूजर सर्च क्या करना चाहता है।

डैनी सुलिवन के मुताबिक गूगल इस आधार पर अनुमान लगाता है उसके प्लेटफॉर्म पर संबंधित शब्द से जुड़े कितने रियल सर्च किए गए हैं, इसके बाद वो ज्यादा और ट्रेंड किए हुए शब्दों को सुझाव के तौर पर दिखाता है। गूगल पर किया सर्च स्थान और इससे पहले किए सर्च पर भी निर्भर करता है।

उदाहरण के रूप में अगर आप ‘San F’ टाइप करते हैं, तो गूगल का एल्गोरिथम आपको संबंधित सर्च में ‘San Francisco’ दिखाएगा। लेकिन जैसे ही आप ‘San Fe’ टाइप करते हैं, गूगल का एल्गोरिथम आपको दूसरे शब्द दिखाने लगेगा।

गूगल उन शब्दों का प्रिडिक्शन(अनुमान) नहीं बताता है जिनमे हिंसा, नफरत और कामुक जैसे शब्दों का इस्तेमाल होता है। डैनी सुलिवन ने ये भी बताया कि गूगल का ‘ऑटो कम्प्लिट प्रिडिक्शन’ डिवाइस दर डिवाइस बदलता रहता है। पीसी पर आपको सर्च बार में 10 प्रिडिक्शन दिखेंगे। जबकि मोबाइल पर 5 दिखते हैं।

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