Google अपने मैसेजिंग ऐप में ला रहा है WhatsApp का ये फीचर, जानिए कैसे करेगा काम
Google अपने Message ऐप में यूजर्स को एंड-टू-एंड एनक्रिप्टेड का फीचर देने जा रहा है। इस फीचर से यूजर्स एक दूसरे को जो टेक्स्ट मैसेज भेजेंगे उसे भेजने और पाने वाले के अलावा और कोई नहीं देख सकेगा।
नई दिल्ली, टेक डेस्क। Google इन दिनों एंड-टू-एंड एनक्रिप्टेड RCH (रीच कम्युनिकेशन सर्विसेज) Group Chat की टेस्टिंग कर रहा है। यह फीचर कुछ ही हफ्तों में बीटा प्रोग्राम के तहत कुछ यूजर्स के लिए उपलब्ध हो जाएगा।
Google के अनुसार का इस फीचर का उपयोग करके यूजर्स एक दूसरे को टेक्स्ट मैसेज भी एन्क्रिप्ट फॉर्मेट पर भेज सकेंगे। इस फीचर के कारण उनकी चैट्स निजी और सुरक्षित रहेगी जिससे ये केवल संदेश भेजने वाले और संदेश प्राप्त करने वाले के बीच ही रहेंगे।
Google ने अपने ब्लॉगपोस्ट के जरिए इस फीचर को लेकर कहा 'RCS न केवल टेक्स्टिंग को अधिक सुरक्षित बनाता है बल्कि यह अनुभव को भी बेहतर बनाता है'
यूं तो SMS टेक्स्टिंग में स्मार्टफोन की क्षमता के अनुसार बहुत कुछ उपलब्ध नहीं है, लेकिन RCS का मतलब है कि आप उच्च-गुणवत्ता वाले फोटो और वीडियो भेजने के साथ प्राप्त भी कर सकते हैं।
इतना ही नहीं Google Messages में रीयल-टाइम में टाइपिंग इंडिकेटर्स देखना, मैसेज रिसिप्ट पढ़ने की सुविधा, ग्रुप कन्वर्सेशन को नाम देना, ग्रुप चैट से संपर्क जोड़ना या हटाना, और टेक्स्ट ओवर वाई-फाई जैसे फीचर्स के नाम शामिल हैं।
अपने इन सभी फीचर्स के कारण Google निर्माताओं और carriers से रिच कम्युनिकेशन सर्विसेज का उपयोग करने का आग्रह कर रहा है क्योंकि यह SMS का एक सुपरचार्ज्ड संस्करण है। सामान्य टेक्स्ट मैसेज से अलग इसमें यूजर्स को टाइपिंग इंडिकेटर्स, मैसेज रिसिप्ट जैसी सुविधाएँ भी मिलती हैं।
Apple को भी Google मनाएगी
गौरतलब है कि आज Apple को छोड़कर सभी प्रमुख मोबाइल वाहकों (carriers) और निर्माताओं ने RCS को मानक के रूप में अपना लिया है। लेकिन ऐपल ने RCS को अपनाने से इंकार कर दिया था और अभी भी अपना भरोसा SMS पर जारी रखा हुआ है। इस कारण जब iPhone यूजर्स, Android यूजर्स को संदेश भेजते हैं, तो वो 1990 के दशक के पुराने फॉर्मेट पर ही संदेश भेज पाते हैं।
इसी कारण गूगल ने ऐपल को मनाने के लिए अपने स्वयं के Message ऐप के लिए इस मानक को अपनाने के लिए एक अभियान भी शुरू कर दिया है।
गूगल मैसेज ऐप की ग्रुप प्रोडक्ट मैनेजर नीना बुधिराजा ने अपने एक ब्लॉग पोस्ट में कहा, 'उम्मीद है कि ऐपल #GetTheMessage कर सकता है, इसलिए हमें अब ऐसग्रीन (ऐपल की मैसेज सर्विस का लोगो) बनाम ब्लू बबल ( गूगल की मैसेज सर्विस का लोगो) को हटाने के लिए इंतजार नहीं करना पड़ेगा।
WhatsApp में पहले ही मिलता है ये फीचर
यहां ये भी बता दें कि एंड-टू-एंड एन्क्रिप्टेड फ़ीचर गूगल अपनी मैसेज सर्विस में भेल ही अब देने जा रहा है। लेकिन WhatsApp में पहले ही यूजर्स को एंड-टू-एंड एन्क्रिप्टेड फीचर मिलता है। जिससे यूजर्स की चैट्स को संदेश भेजने और संदेश पाने वाले के अलावा कोई और नहीं पढ़ सकता है।
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