माइक्रो रोबोट बनेगा डाक्टर
वैज्ञानिकों ने कहा है कि वे एक ऐसा सूक्ष्म रोबोट विकसित कर रहे हैं जो कि जीवित प्राणी की तरह कार्य करते हुए मनुष्यों में बीमारियों का आसानी से पता लगा सकेगा।
लंदन। वैज्ञानिकों ने कहा है कि वे एक ऐसा सूक्ष्म रोबोट विकसित कर रहे हैं जो कि जीवित प्राणी की तरह कार्य करते हुए मनुष्यों में बीमारियों का आसानी से पता लगा सकेगा।
ब्रिटेन के न्यूकैसल विश्वविद्यालय के वैज्ञानिकों वाले एक अंतरराष्ट्रीय दल ने कहा है कि सूक्ष्म रोबोट साइबरप्लाज्म बायोमिमेटिक्स में नवीनतम अनुसंधान के जरिए माइक्रोइलेक्ट्रानिक्स का मेल होगा।
साइबरप्लाज्म का उद्देश्य स्तनधारियों से ली गई कोशिकाओं और कृत्रिम मांसपेशियों की मदद से एक ऐसा इलेक्ट्रानिक तंत्रिका तंत्र, आंख और नाक सेंसर बनाना है जो चलने के लिए ऊर्जा स्रोत के रूप में ग्लूकोज का इस्तेमाल करे।
दल के अनुसार साइबरप्लाज्म एक प्रकार की समुद्री मछली के कार्यों की नकल करके बनाया गया है। यह जीव मुख्य तौर पर अटलांटिक सागर में पाया जाता है। यह इस दृष्टिकोण सूक्ष्म रोबोट उस वातावरण के प्रति अति संवेदनशील और अनुक्रियाशील होगा जिसमें उसे डाला जाता है।
साइंस डेली के अनुसार इस सूक्ष्म रोबोट के भविष्य के इस्तेमालों में मानव शरीर में सहज रूप से तैरकर उसकी बीमारियों का पता लगाना हो सकता है।
मोबाइल पर ताजा खबरें, फोटो, वीडियो व लाइव स्कोर देखने के लिए जाएं m.jagran.com पर