Vastu Tips for Toilet: घर में शौचालय या टॉयलेट बनवाते समय रखें वास्तु के इन नियमों का ध्यान
Vastu Tips forToilet वास्तुशास्त्र में भी शौचालय को नकारात्मक ऊर्जा का स्त्रोत माना जाता है। इसलिए शौचालय बनवाते समय हमें वास्तु के नियमों का विशेष रूप से ध्यान रखना चाहिए। ये हमारे घर में ऊर्जा का संतुलन बनाए रखने में सार्थक भूमिका निभाते हैं...
Vastu Tips for Toilet: आज की भाग-दौड़ भरी और शहरी जिंदगी में शौचालय या टॉयलेट का महत्वपूर्ण स्थान है। हालांकि पारंपरिक तौर पर भारतीय संस्कृति में घर में शौचालय बनवाने को अपवित्र माना जाता था। लेकिन समय के साथ लोगों की सोच और जरुरतों में आए बदलाव ने शौचालय को घर का महत्वपूर्ण हिस्सा बना दिया है। वास्तुशास्त्र में भी शौचालय को नकारात्मक ऊर्जा का स्त्रोत माना जाता है। इसलिए शौचालय बनवाते समय हमें वास्तु के नियमों का विशेष रूप से ध्यान रखना चाहिए। ये हमारे घर में ऊर्जा का संतुलन बनाए रखने में सार्थक भूमिका निभाते हैं...
1-वास्तु के अनुसार शौचालय बनवाने के लिए घर में सबसे उपयुक्त दिशा उत्तर-पूर्व या ईशान दिशा है।
2- शौचालय को हमेशा बाकी घर की जमीन से एक या दो फिट ऊंचा बनवान चाहिए।
3- शौचालय की दीवार पूजा घर और रसोईं घर से नहीं सटनी चाहिए, ये वास्तु दोष होता है।
4- शौचालय में हल्के रंग की टाईल्स का प्रयोग करना चाहिए, गहरा रंग बाथरूम की नकारात्मकता को और बढ़ाता है।
5- शौचालय का दरवाजा और टायलेट की सीट को हमेशा बंद करके रखना चाहिए।
6- अगर संभव होतो शौचालय में सीट या कमोड को उत्तर-दक्षिण दिशा में होना चाहिए न कि पूर्व-पश्चिम दिशा में।
7- शौचालय में साफ-सफाई का हमेशा ध्यान रखना चाहिए, गंदा शौचालय न केवल बीमारियों को दावत देता है बल्कि वास्तु की दृष्टि से भी नुकासनदायक होता है।
8- बाथरूम या शौचालय में सभी नल की टोटियों को हमेशा सही अवस्था में रखें। नल से पानी का टपकना कर्जा बढ़ाता है।
9- बाथरूम में अगर जगह होतो रूम प्लांट रखना चाहिए, इससे बाथरूम में सकारत्मकता आती है।
10- शौचालय संबधित वास्तुदोष दूर करने के लिए एक कटोरी में खड़े नमक की कंकडियां भर कर रखना चाहिए।
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