15 दिसंबर से शुरू हो जाएगा खरमास
व्यतिपात योग के कारण इस बार देवउठनी एकादशी पर विवाह का कोई मुहूर्त नहीं है। देवशयनी एकादशी 12 जून के बाद से मांगलिक कार्यों पर विराम लगा है।
व्यतिपात योग के कारण इस बार देवउठनी एकादशी पर विवाह का कोई मुहूर्त नहीं है। देवशयनी एकादशी 12 जून के बाद से मांगलिक कार्यों पर विराम लगा है। 22 नवंबर को कार्तिक शुक्ल पक्ष की एकादशी यानी देवउठनी एकादशी मनाई जाएगी। शास्त्रों के अनुसार इस दिन से मांगलिक कार्य शुरू हो जाते हैं, लेकिन इस बार ऐसा नहीं होगा।
इस बार देवउठनी एकादशी पर व्यतिपात योग का साया रहेगा। सूर्य व चंद्र ग्रहण की तरह इस योग से भी ग्रह-नक्षत्रों में मलीनता आती है। यह योग उथल-पुथल का परिचायक है। यही वजह है कि इस दिन विवाह मुहूर्त नहीं है। हालांकि तुलसी व भगवान सालिग्राम की विधिवत पूजा-अर्चना के साथ विवाह संपन्ना होगा, मगर व्यक्तियों के लिए विवाह मुहूर्त नहीं माने गए हैं।
मुहूर्त की शुरुआत 23 नवंबर से होगी। 23 नवंबर से विवाह के शुभ मुहूर्त : इस साल 23 नवंबर से 14 दिसंबर के बीच विवाह के 13 शुभ मुहूर्त होंगे। जिसमें 23, 26 व 27 नवंबर तथा दिसंबर में 2 से 8, 12, 13 व 14 तक है। 15 दिसंबर से सूर्य का बृहस्पति की धनुराशि में गोचर करन से खरमास शुरू हो जाएगा। यह स्थिति 14 जनवरी 2015 तक रहेगी। इससे मांगलिक कार्य नहीं होंगे। अगले वर्ष 15 जनवरी से फिर विवाह के मुहूर्त शुरू होंगे।