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स्केन होगा विश्वनाथ के गर्भगृह का शिखर

काशी विश्वनाथ मंदिर में बाबा के गर्भगृह के शिखर की स्केनिंग की जाएगी। दीवारों की भी कमजोरी तलाशी जाएगी। इनकी मजबूती का आकलन करने के लिए रुड़की से केंद्रीय भवन अनुसंधान संस्थान (सीबीआरआइ) की दो सदस्यीय टीम मंगलवार को मंदिर आ गई।

By Preeti jhaEdited By: Published: Wed, 15 Apr 2015 01:13 PM (IST)Updated: Wed, 15 Apr 2015 01:16 PM (IST)

विश्वनाथ मंदिर की दीवारों की मजबूती का भी होगा आंकलन

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वाराणसी। काशी विश्वनाथ मंदिर में बाबा के गर्भगृह के शिखर की स्केनिंग की जाएगी। दीवारों की भी कमजोरी तलाशी जाएगी। इनकी मजबूती का आकलन करने के लिए रुड़की से केंद्रीय भवन अनुसंधान संस्थान (सीबीआरआइ) की दो सदस्यीय टीम मंगलवार को मंदिर आ गई।

स्वर्ण मढि़त शिखर के कण कण की सुदृढ़ता जानने के लिए इस बार टीम अत्याधुनिक उपकरणों से लैस हो कर आई है। इसमें स्केनर, लेजर, कैमरा समेत एक दर्जन उपकरण और मशीनें हैं। इससे दो स्तरीय शिखर के बीच दीवारों की स्थिति पता की जाएगी। बताया जा रहा है कि इन उपकरणों से 0.5 एमएम तक की खामी की रिपोर्ट भी सामने होगी। टीम बुधवार से तीन दिनों तक आकलन का कार्य करेगी। गर्भगृह में लगाई गए वातानुकूलन संयंत्र की पाइप वाले स्थान के जरिए स्केनिंग शुरू की जाएगी। इसके लिए वातानुकूलन संयंत्र दोपहर बाद हटाया भी जाने लगा।

जर्जर हो चुके प्राचीन शिखर की मरम्मत से पहले इसकी मजबूती का आकलन की पुरातत्वविदों की टीम ने जरूरत बताई थी। ऐसे में छह माह पहले इसकी जिम्मेदारी सीबीआरआई को दी गई थी। इस पर आने वाले खर्च का भी न्यास परिषद से पारित कर भुगतान किया जा चुका है। इस क्रम में संस्थान की टीम चार बार निरीक्षण कर चुकी है। हालांकि शिखर पर सोना मढ़ा हुआ है और इसके नीचे की स्थिति जानने के लिए पिछले दौरे पर आई विशेषज्ञ टीम ने स्केनिंग का निर्णय लिया था।

मुख्य कार्यपालक अधिकारी अजय अवस्थी ने बताया कि टीम आकलन के बाद विश्लेषण करेगी। मंदिर प्रशासन के साथ बैठक के बाद अंतिम रिपोर्ट सामने होगी। प्रक्रिया पूरी होते ही शिखर मरम्मत का कार्य भी शुरू करा दिया जाएगा।

एसी हटाने को लेकर चर्चा- बाबा के गर्भगृह में दो माह पहले ही एक श्रद्धालु ने वातानुकूलन संयंत्र लगवाया था। इसके बाद से ही पुजारियों की ओर से इस पर आपत्ति की जा रही थी। इसमें विशिष्ट स्थानों के छिप जाने का हवाला दिया जा रहा था। मंदिर प्रशासन के अनुसार एसी फिलहाल जांच के लिए हटवाया जा रहा है। इसे पुन: लगाने या हटाने पर बाद में विचार किया जाएगा। मालूम हो कि दो माह पहले आए प्रमुख सचिव धर्मार्थ ने जेनरेटर व वाटर कूलर के साथ ही एसी को भी हटाने का निर्देश दिया था।

आज आएंगे धर्मार्थ सचिव-धर्मार्थ विभाग के विशेष सचिव बाबूलाल श्रीवास बुधवार को काशी विश्वनाथ मंदिर आएंगे। सूत्रों के अनुसार पिछले दिनों न्यास अध्यक्ष ने मंदिर में व्यवस्थागत कुछ दिक्कतों के संबंध में शिकायत की थी। विशेष सचिव इसकी ही जांच के लिए आ रहे हैं।


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