कब और क्यों शुरू हुआ लठामार होली
ब्रजाचार्य पीठ के पीठाधीश्वर दीपक राज भट्ट कहते हैं कि छह सौ साल पहले बृज उद्धारक व श्रील नारायण भट्ट ने लठामार होली का आयोजन कराया था। मुगल काल में हिंदू महिलाओं की लाज की रक्षा एक यक्ष प्रश्न था।
बरसाना। ब्रजाचार्य पीठ के पीठाधीश्वर दीपक राज भट्ट कहते हैं कि छह सौ साल पहले बृज उद्धारक व श्रील नारायण भट्ट ने लठामार होली का आयोजन कराया था। मुगल काल में हिंदू महिलाओं की लाज की रक्षा एक यक्ष प्रश्न था।
नारायण भट्ट ने हिंदूू नारियों को अबला से सबला बनाने की दिशा में कदम उठाते हुए इस लीला के माध्यम से महिलाओं को आत्मरक्षा के लिए तैयार किया था। लठामार होली का सबसे पहला उल्लेख नारायण भट्ट द्वारा रचित भक्ति प्रदीप व भक्तिरस तरंगिणी नामक पुस्तकों में मिलता है। इसके बारे में विस्तृत विवरण नारायण भट्ट की चरितामृत में है।
हुरियारिनें होली खेलने को सेहत बना रही है।
लठामार होली खेलने के लिए बरसाने की हुरियारिनें लाठियों को तेल पिला रही हैं तो स्वयं दूध पीकर अपनी सेहत बना रही हैं, ताकि लठ चलाते समय भुजाएं कमजोर न पड़ जाएं।
होली खेलने वाली महिलाओं ने विशेष डाइट लेनी शुरू कर दी है। लठामार होली में भाग लेने वाली महिलाएं देश के विभिन्न कोने की होती हैं, परन्तु सौभाग्य से अब वे बरसाना की बहू हैं और पांच हजार साल पुरानी परंपरा के निर्वहन में कतई कोताही नहीं बरतना चाह रहीं।
नंदगांव और बरसाना के बीच खेली जाने वाली इस होली में हुरियारिनें बरसाना के ब्राह्मण समाज की बहू हैं। कासगंज की डा. श्रुति गोस्वामी बताती हैं कि पहली बार सन् 2013 में होली देखने परिवार सहित बरसाना आई थीं। राधारानी की कृपा से उन्हें पिछली बार हुरियारों पर लाठियां बरसाने का सौभाग्य मिल गया था। वह पेशे से महिला रोग चिकित्सक हैं, पर परंपरा के निभाने में कतई पीछे नहीं हैं। होली की तैयारी में दूध, बादाम व फ ल ले रही हैं।
राजस्थान जनूथर की रहने वाली पूजा शर्मा का कहना है कि उन्होंने आज तक बरसाना की होली को टीवी पर देखा है, लेकिन यह उनकी दूसरी होली है। वह अपनी सेहत पर इन दिनों खास ध्यान दे रही हैं।
राधाकुंड की रहने वाली रजनी गौड़ ने बताया कि यह उनकी चौथी होली है। वैसे तो वह ब्रज से हैं, लेकिन उससे बड़ा सौभाग्य यह है कि उनकी ससुराल बरसाना में है। दिल्ली की राधा कटारा हों या पटियाला की ज्योति कटारा या वृन्दावन के पास जोनाई गांव की आशा गौड़, सबका उद्देश्य अपनी सेहत बनाने का है, ताकि वह ढंग से हुरियारों पर लठ बरसा सकें।