Vijaya Ekadashi 2020 Puja Vidhi: आज इस विधि से करें विजया एकादशी व्रत एवं पूजा, मिलेगा सफलता का आशीष
Vijaya Ekadashi 2021 Puja Vidhi आज फाल्गुन कृष्ण एकादशी है। आज के दिन विजया एकादशी का व्रत रखा जाता है और विधिपूर्वक भगवान विष्णु की पूजा की जाती है। जागरण अध्यात्म में आज हम आपको विजया एकादशी व्रत की पूजा विधि के बारे में बता रहे हैं।
Vijaya Ekadashi 2021 Puja Vidhi: आज फाल्गुन मास के कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि है। आज के दिन विजया एकादशी का व्रत रखा जाता है और विधिपूर्वक भगवान विष्णु की पूजा की जाती है। कार्य में सफलता और शत्रुओं पर विजय के लिए विजया एकादशी का व्रत रखा जाता है। जागरण अध्यात्म में आज हम आपको विजया एकादशी व्रत की पूजा विधि के बारे में बता रहे हैं, ताकि आप सभी विधि से इस व्रत को करें और उसका पुण्य लाभ प्राप्त करें।
विजया एकादशी व्रत एवं पूजा विधि
आज एकादशी के दिन प्रात:काल में स्नान आदि से निवृत हो जाएं। फिर स्वच्छ वस्त्र धारण करें। अब पूजा स्थान की सफाई कर लें। इसके पश्चात हाथ में जल लेकर विजया एकादशी व्रत एवं पूजा का संकल्प लें। श्री हरि विष्णु की पूजा के लिए आप सप्त धान्य घट की स्थापना करें। सात धान्यों में उड़द, गेंहू, चना, मूंग, चावल, जौ और मसूर को शामिल करें। अब आप सप्त धान्य घट पर श्रीहरि विष्णु जी की मूर्ति स्थापित करें। अब भगवान विष्णु को धूप, दीप, अक्षत्, रोली, तुलसी, पंचामृत, नैवेद्य, फूल, फल, नारियल, मिठाई आदि अर्पित करें। विष्णु सहस्रनाम का पाठ करें। विजया एकादशी व्रत की कथा सुनें या उसका पाठ करें। फिर भगवान विष्णु की आरती करें।
अब दिन भर फलाहार करते हुए व्रत के नियमों का पालन करें। रात्रि के समय में विष्णु पाठ करें तथा रात्रि जागरण करें। अगले दिन द्वादशी तिथि को सप्त धान्य घट किसी ब्राह्मण को दान कर दें। स्नान आदि के बाद भगवान विष्णु जी की पूजा करें और पारण समय में पारण करके व्रत को पूरा करें।
विजया एकादशी 2021 मुहूर्त
विजया एकादशी तिथि का प्रारंभ 08 मार्च को दोपहर 03:44 बजे से हुआ है, जो आज दोपहर 03:02 बजे तक रहेगा।
विजया एकादशी 2021 पारण समय
यदि आप विजया एकादशी का व्रत हैं तो आपको व्रत का पारण द्वादशी तिथि के समापन से पहले ही कर लेना चाहिए। बुधवार को प्रात: 06:36 बजे सुबह 08:58 बजे के मध्य पारण कर लें। द्वादशी तिथि का समापन दोपहर 02:40 बजे होगा।