Vidur Niti: महात्मा विदुर ने कैसे व्यक्ति को बताया है सबसे क्रूर, यहां जानिए
Vidur Niti महाभारत काल में रचित विदुर नीति को जीवन में सफलता प्राप्त करने के लिए बहुत महत्वपूर्ण माना जाता है। विदुर नीति के इस भाग में जानिए कि दुनिया में कैसे व्यक्ति को सबसे क्रूर माना जाता है और सम्पूर्ण राष्ट्र का विनाश किस तरह हो जाता है।
नई दिल्ली, डिजिटल डेस्क | Vidur Niti: महाभारत काल में महाराज धृतराष्ट्र और महात्मा विदुर के बीच हुए वार्तालाप के महत्वपूर्ण अंश को विदुर नीति कहा जाता है। उन्होंने इस बातचीत में महाराज धृतराष्ट्र को यह बताया था कि व्यक्ति को जीवन में किस तरह का आचरण करना चाहिए और कैसे अपना जीवनयापन करना चाहिए। ऐसा इसलिए क्योंकि सुखी जीवन के लिए कुछ विशेष बातों को ध्यान में रखना बहुत महत्वपूर्ण है। वह अगर ऐसा नहीं करता है तो उसे कई प्रकार की परेशानियों का सामना करना पड़ता है। साथ ही उसे आर्थिक, मानसिक, शारीरिक पीड़ाओं का भी सामना करना पड़ता है। महात्मा विदुर ने यह भी बताया है कि विश्व में सबसे क्रूर किसे कहा जाता है? आइए जानते-
सबसे क्रूर व्यक्ति किसे कहते हैं (Vidur Niti in Hindi)
एकः सम्पत्रमश्नाति वस्त्रे वासश्च शोभनम् ।
योऽसंविभज्य भृत्येभ्यः को नृशंसतरस्ततः ।।
इस श्लोक में महात्मा विदुर ने बताया है कि जो व्यक्ति सभी क्षेत्रों में सम्पन्न होता है, कीमती वस्त्र, स्वादिष्ट व्यंजन करता है, सुख और ऐश्वर्य की वस्तु का उपभोग करता है। लेकिन अपने धन का कुछ हिस्सा जरूरतमंद लोगों में नहीं बांटता है तो उससे बढ़कर क्रूर व्यक्ति कौन हो सकता है? इसलिए महात्मा विदुर इस श्लोक के माध्यम से शिक्षा दे रहे हैं कि व्यक्ति को हमेशा दान-धर्म में लिप्त रहना चाहिए। जरूरतमंद लोगों की हर सम्भव सहायता करनी चाहिए। ऐसे ही व्यक्ति को श्रेष्ठ कहा जाता है।
निर्णय लेने से पहले सोच-विचार करें (Vidur Niti Teaching)
एकं हन्यान्न वा हन्यादिषुर्मुक्तो धनुष्मता ।
बुद्धिर्बुद्धिमतोत्सृष्टा हन्याद् राष्ट्रम सराजकम् ।।
विदुर नीति के इस श्लोक का अर्थ है कि जब एक धनुर्धर अपने धनुष से बाण को शत्रुओं पर छोड़ता है तो इस बात कि सम्भावना होती है कि उस बाण से किसी की मृत्यु होगी या नहीं। लेकिन जब एक ज्ञानी व्यक्ति गलत निर्णय लेता है तब राजा के साथ-साथ समूचे राष्ट्र का विनाश निश्चित हो जाता है। इसलिए व्यक्ति को हर काम को सोच-समझकर करना चाहिए और हर निर्णय बुद्धिमानी से लेना चाहिए। ऐसा इसलिए क्योंकि छोटा लगने वाला गलत निर्णय भी सालों-साल के मेहनत पर चंद मिनटों में ही पानी फेर सकता है।
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