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Vaishaka Month Snan-Daan Importance: वैशाख माह में क्या है स्नान-दान का महत्व, जानें यहां

आज से हिंदू पंचांग के दूसरा माह वैशाख प्रारंभ हो गया है। इस दौरान पवित्र नदियों में स्नान करने महत्व अत्याधिक माना गया है। इसके साथ ही दान देव आराधना करके पुण्य और मोक्ष प्राप्त किया जा सकता है।

By Shilpa SrivastavaEdited By: Published: Wed, 28 Apr 2021 09:00 AM (IST)Updated: Sat, 01 May 2021 08:10 AM (IST)
Vaishaka Month Snan-Daan Importance: वैशाख माह में क्या है स्नान-दान का महत्व, जानें यहां
Vaishaka Month Snan-Daan Importance: वैशाख माह में क्या है स्नान-दान का महत्व, जानें यहां

Vaishaka Month Snan-Daan Importance: आज से हिंदू पंचांग के दूसरा माह वैशाख प्रारंभ हो गया है। इस दौरान पवित्र नदियों में स्नान करने महत्व अत्याधिक माना गया है। इसके साथ ही दान, देव आराधना करके पुण्य और मोक्ष प्राप्त किया जा सकता है। इस माह के स्नान की बात करें तो यह हनुमान जयंती चैत्र पूर्णिमा से बुद्ध पूर्णिमा-वैशाख पूर्णिमा तक किया जाता है। हालांकि, कोरोना के चलते शायद यह संभव नहीं हो पाएगा। लोग नदियों में तो स्नान नहीं कर पाएंगे लेकिन अपने घरों में स्नान करने वाले जल में गंगाजल डाल स्नान जरूर कर सकते हैं।

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स्कंद पुराण के अनुसार, वैशाख स्नान का महत्व अत्याधिक बताया गया है। इस माह में जो गंगा आदि पवित्र नदियों में सूर्योदय से पूर्व स्नान करता है और विष्णु जी के नाम का स्मरण करता है तो वह अतुलनीय पुण्य का भागी बनता है। ऐसा करने से वह भक्त श्रीहरि का प्रिय हो जाता है और उसे मोक्ष की प्राप्ति होती है।

सूर्य को दिया जाता है अर्घ्य:

इस माह में सूर्योदय से पूर्व स्नान किया जाता है। फिर पवित्र नदी में स्नान कर या घर में गंगाजल डालकर स्नान करने के बाद सूर्य को अर्घ्य दिया जाता है। इसके बाद भगवान विष्णु और श्रीकृष्ण का स्मरण करना चाहिए। साथ ही विष्णुसहस्रनाम का पाठ करना चाहिए। इस समस्य माह व्यक्ति को वैशाख माहात्म्य की कथा सुननी चाहिए। तुलसी समेत अन्य पेड़-पौधों की सेवा करें। फिर संध्याकाल के समय तुलसी के पास दीपक जलाना चाहिए। जो व्यक्ति वैशाख स्नान करता है उसे पूरे माह एक ही समय भोजन करना चाहिए। 

डिसक्लेमर

'इस लेख में निहित किसी भी जानकारी/सामग्री/गणना की सटीकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संग्रहित कर ये जानकारियां आप तक पहुंचाई गई हैं। हमारा उद्देश्य महज सूचना पहुंचाना है, इसके उपयोगकर्ता इसे महज सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त, इसके किसी भी उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता की ही रहेगी। '  


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