केदारनाथ यात्रा मार्ग पर श्रद्धालुओं को परोसेगा उत्तराखंडी व्यंजन
केदारनाथ यात्रा पर आने वाले श्रद्धालुओं को इस बार गढ़वाल मंडल विकास निगम (जीएमवीएन) लजीज पहाड़ी व्यंजनों का स्वाद भी चखाएगा। श्रद्धालुओं को भोजन में दाल, चावल, सब्जी के साथ स्वास्थ्यवर्धक मंडुए की रोटी और झंगोरे की खीर भी परोसी जाएगी। इसके लिए निगम स्थानीय युवाओं की मदद लेगा।
देहरादून। केदारनाथ यात्रा पर आने वाले श्रद्धालुओं को इस बार गढ़वाल मंडल विकास निगम (जीएमवीएन) लजीज पहाड़ी व्यंजनों का स्वाद भी चखाएगा। श्रद्धालुओं को भोजन में दाल, चावल, सब्जी के साथ स्वास्थ्यवर्धक मंडुए की रोटी और झंगोरे की खीर भी परोसी जाएगी। इसके लिए निगम स्थानीय युवाओं की मदद लेगा।
इससे आपदा प्रभावित क्षेत्र के युवाओं को रोजगार तो मिलेगा ही राज्य के मूल व्यंजनों की ब्रांडिंग भी हो सकेगी। केदारनाथ धाम पैदल मार्ग पर यात्रियों व पर्यटकों के लिए भोजन की व्यवस्था का जिम्मा इस वर्ष जीएमवीएन संभाल रहा है। लेकिन, भोजन उपलब्ध कराने की दिशा में निगम के पास कर्मचारियों की कमी है। निगम के पास अपनी जरूरत के अनुसार तो पर्याप्त कार्मिक हैं, लेकिन यात्रियों के भोजन की सुचारू व्यवस्था के लिए उसे अतिरिक्त खानसामे, वेटर व मसालची चाहिएं। ऐसे में निगम प्रबंधन ने आपदा प्रभावित क्षेत्र के बेरोजगार युवाओं को साथ लेकर काम करने का निर्णय लिया है। क्योंकि, स्थानीय लोगों को राज्य के मूल व्यंजनों का अच्छा ज्ञान है इसलिए बनाने में दिक्कत भी नहीं आएगी। निगम चुने गए लोगों को प्रशिक्षण के साथ राशन, ईंधन व बर्तन भी उपलब्ध कराएगा।
निगम के प्रबंधकों को हर केंद्र पर मॉनीटरिंग का जिम्मा दिया गया है। यहां यात्रियों को दाल, चावल, रोटी, सब्जी के साथ उत्तराखंड के मूल व्यंजन भी परोसे जाएंगे। केदारनाथ क्षेत्र के विषम भौगोलिक हालात को देखते हुए कर्मियों को मानदेय भी सामान्य दर से अधिक दिया जाएगा। यात्रा के दौरान गौरीकुंड, लिनचोली व केदारनाथ के पड़ाव में रोजाना औसतन 1500 यात्रियों का खाना बनना है। जीएमवीएन के महाप्रबंधक बीएल राणा ने बताया कि इससे निगम के साथ ही बेरोजगार युवा भी लाभांवित होंगे।