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    Utpanna Ekadashi 2022: आज के दिन भगवान विष्णु के आशीर्वाद के लिए जरूर रखें इन बातों का ध्यान

    By Shantanoo MishraEdited By:
    Updated: Sun, 20 Nov 2022 10:46 AM (IST)

    Utpanna Ekadashi 2022 हिन्दू धर्म में एकादशी व्रत को बहुत ही महत्वपूर्ण माना जाता है। यह व्रत भगवान विष्णु को समर्पित है। इस दिन कुछ विशेष नियमों का पालन करके व्यक्ति श्रीहरि का आशीर्वाद प्राप्त कर सकता है।

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    Utpanna Ekadashi 2022: उत्पन्ना एकादशी पर जरूर करें इन नियमों का पालन।

    नई दिल्ली, डिजिटल डेस्क | Utpanna Ekadashi 2022: मार्गशीर्ष मास में कई व्रत-त्यौहार पड़ते हैं, जिनका अपना-अपना महत्व होता है। मान्यता है कि भगवान श्री कृष्ण के प्रिय महीने में पूजा-पाठ का विशेष महत्व है। ऐसा करने से देवी-देवताओं का आशीर्वाद मिलता है। बता दें कि प्रत्येक मास के कृष्ण पक्ष और शुक्ल पक्ष में दो एकादशी व्रत रखे जाते हैं। हिन्दू धर्म में एकादशी व्रत को सभी व्रतों में श्रेष्ठ माना जाता है। इस दिन भगवान विष्णु की विशेष पूजा की जाती है और परिवार के कल्याण की प्रार्थना की जाती है। शास्त्रों में बताया गया है कि एकादशी व्रत रखने से सभी पापों का नाश होता है और भक्तों की सभी मनोकामनाएं पूर्ण हो जाती है। मार्गशीर्ष मास में उत्पन्ना एकादशी व्रत रखा जाएगा। इस वर्ष यह व्रत 20 नवंबर 2022 (Utpanna Ekadashi 2022 Date) के दिन रखा जाएगा। आइए जानते हैं क्या है इस व्रत का महत्व और इसके नियम।

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    उत्पन्ना एकादशी 2022 नियम (Utpanna Ekadashi 2022 Niyam)

    शास्त्रों में बताया गया है कि एकादशी व्रत के दिन नियमों का पालन करते हुए ही भगवान विष्णु की पूजा-अर्चना की जानी चाहिए। ऐसा करने से भगवान विष्णु प्रसन्न होते हैं। मान्यता यह भी है कि एकादशी व्रत रखने से एक साथ सभी तीर्थों का फल मिलता है और परिवार पर सदैव श्रीहरि की कृपा बनी रहती है। इसलिए जरूर करें इन नियमों का पालन-

    • इस दिन भक्तों को और खासकर व्रतियों को क्रोध व वाद-विवाद से बचना चाहिए। साथ ही उन्हें मधुर वचनों का प्रयोग करना चाहिए।

    • इसके साथ इस दिन सात्विक भोजन का सेवन करना चाहिए। मांस, मसूर की दाल, लहसुन, प्याज आदि का सेवन इस दिन वर्जित है। साथ ही चावल खाने पर भी मनाही है।

    • एकादशी व्रत के दिन झाड़ू का प्रयोग ध्यान से करें। ऐसा इसलिए क्योंकि झाड़ू के कारण छोटे जीवों की हत्या का खतरा हर समय रहता है। जिससे व्यक्ति पर जीव हत्या का पाप लग सकता है।

    • एकादशी व्रत के दिन ब्रह्मचर्य का पालन निश्चित रूप से करें और इस दिन नाखून व बाल काटने से बचें। इस नियम का पालन ना करने से भगवान विष्णु नाराज हो सकते हैं।

    • एकादशी व्रत के दिन निश्चित रूप से भगवान विष्णु के सहस्रनाम का जाप करें और 'ॐ नमो भगवते वासुदेवाय' मंत्र का जाप करें। माना यह भी जाता है कि इस दिन गीता का पाठ करने से भक्तों को विशेष लाभ है।

    डिसक्लेमर- इस लेख में निहित किसी भी जानकारी/सामग्री/गणना की सटीकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संग्रहित कर ये जानकारियां आप तक पहुंचाई गई हैं। हमारा उद्देश्य महज सूचना पहुंचाना है, इसके उपयोगकर्ता इसे महज सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त, इसके किसी भी उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता की ही रहेगी।