अवश्यक हैं घर में उपयोग होनेवाले फर्नीचर से जुड़ेे ये वास्तु उपाय
जरुरत से ज्यादा कॉर्नर्स वाले फर्नीचर को शुभ नहीं माना जाता है। इसलिए कोशिश करें कि घर में कम से कम कॉर्नर फर्नीचर बनवाएं।
फर्नीचर भले ही घर का बेहद जरूरी हिस्सा है, लेकिन इसके इस्तेमाल में वास्तु के निर्देशों की पालना अक्सर नहीं की जाती है। असल में, फर्नीचर का बिना सोचे-समझे इस्तेमाल करके आप वास्तु खराब कर सकते हैं। इसलिए घर में फर्नीचर सेट करते वक़्त वास्तु के नियमों का ध्यान भी रखना चाहिए। आइए जानते है फर्नीचर से जुड़े कुछ वास्तु टिप्स-
फर्नीचर या फर्नीचर बनाने वाली लकड़ी को किसी शुभ दिन ही खरीदें। मंगलवार, शनिवार और अमावस्या के दिन फर्नीचर न खरीदें। ध्यान रखे कि फर्नीचर की लकड़ी किसी पॉज़िटिव ट्री की हो। जैसे शीशम, चंदन, अशोका, सागवान, साल, अर्जुन या नीम। इससे बना फर्नीचर शुभ फल देने वाला होता है।
हल्का फर्नीचर हमेशा नॉर्थ और ईस्ट में रखें और भारी फर्नीचर साउथ और वेस्ट में रखें। इस बात का ध्यान न रखने पर पैसों का नुकसान हो सकता है। घर में वुडवर्क का काम हमेशा साउथ या वेस्ट डायरेक्शन में शुरू करें और नार्थ-ईस्ट में खत्म। ऐसा करना घर के लोगों की तरक्की के लिए अच्छा माना जाता है। फर्नीचर बनाने के लिए खरीदी लकड़ी को नॉर्थ, ईस्ट या नॉर्थ-ईस्ट डायरेक्शन में न रखें। इससे फर्नीचर बनाने की प्रोसेस में देरी हो सकती है और मनी फ्लो भी प्रभावित होगा। आप फर्नीचर में राधा-कृष्ण, फूल, सूरज, शेर, चीता, मोर, घोड़ा, बैल, गाय, हाथी और मछली की आकृति बनवा सकते हैं। फर्नीचर पर हमेशा हल्की पॉलिश का इस्तेमाल करें। डार्क और डल कलर्स निगेटिविटी फैलाते है।
फर्नीचर के किनारे गोलाकार होने चाहिए। नुकीले किनारे न सिर्फ खतरनाक होते हैं, बल्कि ये खराब एनर्जी भी छोड़ते हैं। अगर आपका फर्नीचर छत से टकरा रहा है, तो इसकी ऊंचाई कम करवा लें।अगर बेड के हेडबोर्ड की डायरेक्शन साउथ या वेस्ट में हो, तो आपको हेडबोर्ड के सामने वाली दीवार को डेकोरेट करना चाहिए। इससे उस बेड पर सोने वाली की सेहत अच्छी रहती है। ऑफिस के लिए स्टील फर्नीचर का भी प्रयोग किया जा सकता है। ऑफिस में इसके इस्तेमाल से पॉजिटिव एनर्जी और पैसों का फ्लो बना रहता है।
जरुरत से ज्यादा कॉर्नर्स वाले फर्नीचर को शुभ नहीं माना जाता है। इसलिए कोशिश करें कि घर में कम से कम कॉर्नर फर्नीचर बनवाएं।