चिंताओं को चिंतन में बदलें, क्योंकि चिंता भटकाव है और चिंतन रास्ता

किसी एक बात को पकड़ कर लगातार दुखी होते रहना चिंता है और उसी प्रकरण को लेकर सही दिशा में सोचने की प्रक्रिया का नाम है चिंतन। चिंता भटकाव है चिंतन रास्ता है। चिंता का समाधान सिर्फ चिंतन है।