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अतृप्त आत्माओं की शांति के लिए आज होगा तर्पण और पिंडदान

नर्मदा तट के अनेक घाटों पर अकाल मौत होने वाली अतृप्त आत्माओं की शांति के लिए सोमवार को श्राद्घपक्ष की एकादशी के अवसर पर सेठानीघाट पर तर्पण और पिंडदान किया जाएगा।

By Preeti jhaEdited By: Published: Mon, 26 Sep 2016 09:47 AM (IST)Updated: Mon, 26 Sep 2016 09:58 AM (IST)

होशंगाबाद। साल भर तक शहर तथा नर्मदा तट के अनेक घाटों पर अकाल मौत होने वाली अतृप्त आत्माओं की शांति के लिए सोमवार को श्राद्घपक्ष की एकादशी के अवसर पर सेठानीघाट पर तर्पण और पिंडदान किया जाएगा। इस अवसर पर समिति के सदस्यों के द्वारा बीते 20 सालों से अधिक सालों से सेठानी घाट पर तर्पण किया जाता है। शहर के अनेक युवाओं की समिति के द्वारा श्राद्घपक्ष की एकादशी को हर साल यह कार्यक्रम किया जाता है।

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हर साल बड़ी संख्या में लोगों की अकाल मृत्यु हो जाती है। कई लोगों की मौत प्राकृतिक आपदा में हो जाती है। जबकि कई लोग हादसों में मर जाते हैं। जबकि जिले में कई अज्ञात लोगों के शव भी मिलते हैं। इनमें से अधिकांश लोगों का विधिवत अंतिम संस्कार और तर्पण आदि नहीं हो पाता। ऐसे लोगों के तर्पण और पिंडदान के लिए ही यह कार्यक्रम हर साल किया जाता है। इससे उन आत्माओं को भी शांति और मोक्ष प्राप्त होगा। इस साल जम्मू-कश्मीर में हमारे देश भक्त सैनिकों ने राष्ट्र की सुरक्षा के लिए अपने प्राणों को न्यौछावर किया है। उनके नाम से भी तर्पण किया जाएगा। इसके अलावा प्राकृतिक आपदा में मारे गए लोगों, सहित अन्य घटना दुर्घटनाओं और आपदाओं में मारे गए लोगों के नाम से भी पिंडदान किया जाएगा। एकादशी और पितृ मोक्ष अमावस्या पर जो लोग श्रद्घा भक्ति के साथ तर्पण करते हैं उन्हें पितृदोष से मुक्ति मिलती है। नर्मदा तट के अनेक घाटों पर अपने पूर्वजों के लिए पूरे श्राद्घपक्ष में तर्पण का कार्यक्रम जारी है।


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