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अयोध्या में फिर संयम और सद्भाव का इम्तिहान

विवादित ढांचा ध्वंस की बरसी पर पूरे प्रदेश में सुरक्षा के कड़े प्रबंध किये गए हैं। अयोध्या के लिए विशेष अलर्ट जारी किया गया है। कड़ी सुरक्षा के बीच अयोध्या शुक्रवार को फिर सद्भाव की परीक्षा देने को तैयार है। इस मौके पर विभिन्न संगठनों के जुलूस और प्रदर्शन को लेकर इंतजाम सख्त हैं। पूरे प्रदेश में धारा 144 के तहत नि

By Edited By: Published: Fri, 06 Dec 2013 01:18 PM (IST)Updated: Fri, 06 Dec 2013 01:40 PM (IST)
अयोध्या में फिर संयम और सद्भाव का इम्तिहान

अयोध्या। छह दिसंबर का दिन आते ही फैजाबाद जिले की सीमा व रुदौली कस्बा अनायास ही खास हो जाता है। भारी पुलिस बल की तैनाती छह दिसंबर का एहसास सीमा पर करा रही है। हर वाहनों पर पुलिस की नजर गुरुवार को पूरे दिन सीमा पर लगी रही। किसी भी वाहन पर शक होते ही पुलिस कर्मी उसे रोक लेते और फिर जांच होने के बाद पूरी तरह से संतुष्ट होने पर ही वाहन को जाने दिया जा रहा था।

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फैजाबाद जिले की सीमा रामसनेही घाट पुल पर गुरुवार को पूरे दिन पुलिस बल मौजूद रहा। मवई थानाध्यक्ष विश्वनाथ यादव व पटरंगा थाने के प्रभारी थानाध्यक्ष बीएन तिवारी पूरे दिन सीमा पर डटे रहे। जिले की सीमा पर स्थित रामसनेही घाट का अतिथि गृह भी छह दिसंबर का मूक गवाह बना हुआ है। आज के 21 वर्ष पहले अयोध्या कूच कर रहे विहिप व भाजपा के कई बड़े नेताओं को हिरासत में लेकर यहां पर ही बैठाया गया था। इस बार भी यहां पूरी तैयारियां हैं।

विवादित ढांचा ढहने की 21 वीं बरसी का एहसास यहां पर हो रहा है। छह दिसंबर ही नहीं अपितु जब भी अयोध्या जाने से किसी बड़े नेता को रोका गया तो जिले की अंतिम सीमा पर स्थित इस अतिथि गृह को ही अस्थाई जेल बनाना पड़ा। इसी प्रकार रुदौली नगर पर पुलिस की नजर लगी हुई है। सीओ संतोष सिंह ने बताया कि सीमा पर पुलिस कर्मियों की तैनाती की गई हैं। वाहनों की चेकिंग भी की जा रही हैं। उच्चाधिकारियों से प्राप्त होने वाले आदेशों का पालन किया जा रहा है।

विवादित ढांचा ध्वंस की बरसी को लेकर जुड़वा शहरों सहित पूरे जिले में सुरक्षा बढ़ा दी गई है। राममोहन हत्याकांड के मामले में अंबेडकरनगर जाते समय आइजी जोन सुभाष चंद्रा ने करीब ढाई घंटे का समय पुलिस लाइंस में बिताया। इस दौरान उन्होंने छह दिसंबर को लेकर की गई सुरक्षा व्यवस्था की समीक्षा की तथा बेहद सतर्क रहने व गैर पारंपरिक आयोजनों को न होने देने का निर्देश दिया।

छह दिसंबर से पूर्व ही अयोध्या को किले में तब्दील कर दिया गया है। जिला पुलिस व अधिग्रहीत परिसर में तैनात फोर्स को एलर्ट कर दिया गया है। इसी क्त्रम में गुरुवार को अयोध्या में सुरक्षा बलों द्वारा रूट मार्च किया गया। नयाघाट से शुरू हुआ रूट मार्च अयोध्या की अधिकांश गलियों से होकर गुजरा। अयोध्या व फैजाबाद जंक्शन पर भी चेकिंग की गई। छह दिसंबर को लेकर अयोध्या में हिंदू-मुस्लिम संगठनों द्वारा परस्पर विरोधी आयोजन किए जाते हैं। कतिपय हिंदू संगठन शौर्य दिवस मनाते हैं जबकि मुस्लिम संगठनों द्वारा यौमे गम व कुरान ख्वानी का आयोजन किया जाता है। संगठनों के इन आयोजन स्थलों को भी कड़ी निगरानी में रखा गया है। आतंकी खतरे के मद्देनजर इस बार एक कमांडो दस्ता भी मुहैया कराया गया है। अयोध्या-फैजाबाद शहरों में 14 स्थानों पर सीसी कैमरे लगाए गए हैं। चौक, राम की पैड़ी, टेढ़ी बाजार, दोराही कुआं, गांधी पार्क सहित कई स्थानों पर विशेष निगरानी की व्यवस्था की गई है। आइजी जोन ने डीएम विपिन कुमार द्विवेदी, एसएसपी केबी सिंह व अपर पुलिस अधीक्षक नगर आरएस गौतम के साथ बैठक कर छह दिसंबर के मद्देनजर सुरक्षा व्यवस्था को चुस्त रखने का निर्देश दिया।

नेशनल लोक तांत्रिक पार्टी के नेता पूर्व विधायक अरशद खान को जिला प्रशासन ने अयोध्या आने की अनुमति नहीं दी। एसपी सिटी ने बताया कि पूर्व विधायक छह दिसंबर के मद्देनजर कुछ कार्यक्रम के उद्देश्य से अयोध्या आना चाहते थे लेकिन जिलाधिकारी ने उन्हें अनुमति नहीं दी।

खास हो जाती है सीमा-

छह दिसंबर का दिन आते ही फैजाबाद जिले की सीमा व रुदौली कस्बा अनायास ही खास हो जाता है। भारी पुलिस बल की तैनाती छह दिसंबर का एहसास सीमा पर करा रही है। हर वाहनों पर पुलिस की नजर गुरुवार को पूरे दिन सीमा पर लगी रही। किसी भी वाहन पर शक होते ही पुलिस कर्मी उसे रोक लेते और फिर जांच होने के बाद पूरी तरह से संतुष्ट होने पर ही वाहन को जाने दिया जा रहा था। फैजाबाद जिले की सीमा रामसनेही घाट पुल पर गुरुवार को पूरे दिन पुलिस बल मौजूद रहा।

मवई थानाध्यक्ष विश्वनाथ यादव व पटरंगा थाने के प्रभारी थानाध्यक्ष बीएन तिवारी पूरे दिन सीमा पर डटे रहे। जिले की सीमा पर स्थित रामसनेही घाट का अतिथि गृह भी छह दिसंबर का मूक गवाह बना हुआ है। आज के 21 वर्ष पहले अयोध्या कूच कर रहे विहिप व भाजपा के कई बड़े नेताओं को हिरासत में लेकर यहां पर ही बैठाया गया था। इस बार भी यहां पूरी तैयारियां हैं।

विवादित ढांचा ढहने की 21 वीं बरसी का एहसास यहां पर हो रहा है। छह दिसंबर ही नहीं अपितु जब भी अयोध्या जाने से किसी बड़े नेता को रोका गया तो जिले की अंतिम सीमा पर स्थित इस अतिथि गृह को ही अस्थाई जेल बनाना पड़ा। इसी प्रकार रुदौली नगर पर पुलिस की नजर लगी हुई है। सीओ संतोष सिंह ने बताया कि सीमा पर पुलिस कर्मियों की तैनाती की गई हैं। वाहनों की चेकिंग भी की जा रही हैं। उच्चाधिकारियों से प्राप्त होने वाले आदेशों का पालन किया जा रहा है।

लखनऊ- विवादित ढांचा ध्वंस की बरसी पर पूरे प्रदेश में सुरक्षा के कड़े प्रबंध किये गए हैं। अयोध्या के लिए विशेष अलर्ट जारी किया गया है। कड़ी सुरक्षा के बीच अयोध्या शुक्रवार को फिर सद्भाव की परीक्षा देने को तैयार है। इस मौके पर विभिन्न संगठनों के जुलूस और प्रदर्शन को लेकर इंतजाम सख्त हैं।

पूरे प्रदेश में धारा 144 के तहत निषेधाज्ञा लागू है। जिलाधिकारियों को छह दिसंबर को कोई भी धार्मिक आयोजन, उत्सव, रैली या सभा किये जाने की अनुमति न देने के निर्देश दिए गए हैं। उल्लेखनीय है कि ढांचा ध्वस्त को 21 साल बीत चुके हैं। अयोध्या के लिए अपने सद्भाव की परीक्षा इस बार कठिन है क्योंकि मिली आतंकी धमकी को लेकर चिंता सब ओर है। इस बार अयोध्या की सुरक्षा के लिए आतंकवाद निरोधक दस्ते के प्रशिक्षित कमांडो तैनात किए गए हैं।

छह दिसंबर सन् 1992 में विवादित ढांचा को ढहा दिया गया था। तब से हर साल छह दिसंबर के दिन हिंदू-मुस्लिम संगठनों द्वारा परस्पर विरोधी आयोजन किए जाते हैं। कतिपय हिंदू संगठन शौर्य दिवस मनाते हैं जबकि मुस्लिम संगठनों द्वारा कलंक दिवस, यौमे गम व कुरान ख्वानी का आयोजन किया जाता है। अयोध्या-फैजाबाद सहित जिले की सीमा पर लगे बैरियरों पर छानबीन के बाद ही लोगों को प्रवेश दिया जा रहा है। यातायात की पाबंदियां भी गुरुवार की शाम से ही सघन हो गईं।

अपर पुलिस महानिदेशक कानून-व्यवस्था मुकुल गोयल ने सभी जिलों के एसएसपी और एसपी को निर्देश दिया है कि सांप्रदायिक सद्भाव बिगाड़ने वाले तत्वों को चिह्नित कर उन पर सतर्क दृष्टि रखी जाए और आवश्यकता पड़ने पर उनके विरूद्ध निरोधात्मक कार्रवाई की जाए। शांति समितियों की बैठक करके उनका सहयोग प्राप्त किया जाए तथा शहरों में सेक्टर स्कीम लागू की जाए। पटाखों की दुकानें छह दिसंबर को बंद की जाए और शस्त्र व शराब की दुकानों पर भी सतर्क दृष्टि रखी जाए, जिससे इनका दुरुपयोग न हो सके।

यदि कोई संगठन इस संबंध में ज्ञापन देना चाहे तो उसे जुलूस बनाकर कचहरी, तहसील आदि स्थानों पर आने की अनुमति न दी जाए, बल्कि मजिस्ट्रेट स्वंय जाकर उनका ज्ञापन प्राप्त कर लें। एडीजी राजकुमार विश्वकर्मा ने पूरी व्यवस्था की जानकारी देते हुए बताया कि सूबे में कानपुर, मेरठ, फैजाबाद, गोरखपुर, आजमगढ़, बहराइच आदि जिले संवेदनशील हैं। अयोध्या के लिए विशेष अलर्ट जारी किया गया है।

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