उज्जैन में तीन लाख श्रद्धालुओं ने किए महाकाल दर्शन
सिंहस्थ महापर्व के आखिरी शाही स्नान के दूसरे दिन रविवार को करीब 3 लाख भक्तों ने महाकाल दर्शन किए।
उज्जैन। सिंहस्थ महापर्व के आखिरी शाही स्नान के दूसरे दिन रविवार को करीब 3 लाख भक्तों ने महाकाल दर्शन किए। अलसुबह से शुरू हुआ दर्शन का सिलसिला रात 11 बजे पट बंद होने तक जारी रहा। कई वीआईपी तथा संत महात्माओं ने भी राजाधिराज को शीश नवाया।
सहायक प्रशासक प्रीति चौहान ने बताया साध्वी ऋ तुंभराजी, कथा वाचक साध्वी प्रज्ञा भारती, महामंडलेश्वर स्वामी नैसर्गिका गिरी, कल्याणदासजी महाराज तथा प्रसिद्ध भजन गायक लखबीरसिंह लख्खा ने भगवान महाकाल के दर्शन किए। संतों के लिए मंदिर में विशेष दर्शन की व्यवस्था की गई थी। सिंहस्थ के सानंद संपन्न् होने के बाद संत-महात्माओं के महाकाल दर्शन करने आने का सिलसिला जारी है।
दिनभर संतों और भक्तों से मिलते रहे नरेंद्र गिरी
अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरी महाराज रविवार को पूरे दिन साधु-संतों के साथ भक्तों से मिलते रहे। सिंहस्थ की व्यवस्थाओं में लगातार व्यस्त रहने के बाद उन्हें आज फुर्सत मिली। बातचीत में उन्होंने बताया कि पिछले चार माह से वे सिंहस्थ मेले की तैयारी में जुटे थे।
अंत भला तो सब भला कहते हुए महंत गिरी ने कहा भगवान महाकाल के आशीर्वाद से मेला सकुशल संपन्न हो गया। छावनी में अन्य अखाड़ों के संतों के साथ इंदौर और आसपास के शहरों से आएं भक्तों से मुलाकात की,उन्हें आशीर्वाद दिया। महंत गिरी ने बताया कि वे 25 मई को छावनी से इलाहाबाद के लिए प्रस्थान कर जाएंगे।
अखाड़ों में हिसाब-किताब का दौर
सिंहस्थ के समापन के बाद अब अखाड़ों में हिसाब-किताब का दौर प्रारंभ हो गया है। देर रात अखाड़ों में खर्च के ब्यौरे पर मंथन हुआ, आवक-जावक का मिलान करने के बाद संबंधित का हिसाब भी चुकता किया गया। पंचायती अखाड़ा श्री निर्मल का सामान दिनभर ट्रक में लोड किया गया।
अखाड़े के श्री महंत ज्ञानदेव सिंह और सचिव बलंत सिंह देर रात रवाना हो गए। श्री निरंजनी अखाड़े के चेहरा-मोहरा पर हिसाब चलता रहा। अन्य अखाड़ों में भी पुकार के माध्यम से आवक और मेला में खर्च की जावक पर चर्चा चलती रही।
पंचायती अखाड़ा श्री निर्मल के महंत अमनदीप सिंह के मुताबिक श्री महंत ज्ञानदेव सिंह और सचिव महंत बलवंत सिंह देर रात मेला क्षेत्र से प्रस्थान कर गए। महंत अखाड़े का हिसाब लगभग पूरा हो गया है। मेले में इलाहाबाद और पंजाब से सामान आया था। जल्द ही कढ़ी-पकौड़े के आयोजन के साथ बाहरी संत रवाना होंगे। आवाहन अखाड़े के राष्ट्रीय महामंत्री सत्य गिरी महाराज ने बताया कि रमता पंच की विदाई के पहले सारे कार्य पूरे कर लिए जाएंगे।
रवींद्र पुरी की उंगलियों पर हिसाब
निरंजनी अखाड़े के मेला प्रबंधक महंत रवींद्र पुरी महाराज की उंगलियों पर हिसाब रहता है। महंत पुरी की टीम के सक्रिय सदस्य महंत आशीष गिरी एवं महंत दिनेश गिरी सक्रिय रूप से काम कर रहे हैं। अखाड़े की छोटी से लेकर बड़ी व्यवस्थाओं पर नजर रखने वाले महंत रवींद्र पुरी ने बताया अब तो विदाई की बेला है। किसी को नाराज नहीं करना है, सब का हिसाब फायनल हो गया। दिमाग में सभी चीजों का खयाल रखना होता है। यही हालात शैव संप्रदाय सभी अखाड़ों में है। उधर वैष्णव और उदासीन अखाड़ों में हिसाब-किताब को दुरुस्त किया जा रहा है।