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इस फूल को भगवान शिव ने अपनी पूजा से त्याग दिया

केतकी के फूल ने झूठ बोला था इसलिए भगवान शिव ने इसे अपनी पूजा से वर्जित कर दिया।

By Preeti jhaEdited By: Published: Mon, 23 Jan 2017 03:38 PM (IST)Updated: Wed, 28 Jun 2017 05:01 PM (IST)
इस फूल को भगवान शिव ने अपनी पूजा से त्याग दिया

भगवान भोलेनाथ को कई तरह के फूल चढ़ाएं जाते है। शिव जी को खुश करने के लिए भांग-धतूरा तो खास तौर पर चढ़ाया जाता है। शास्त्रों में बताया गया है कि भगवान शिव को सफेद रंग का फूल अधिक प्रिय है। हालांकि हर सफेद फूल भगवान को नहीं चढ़ता। भगवान शिव को कभी भी केतकी नाम का फूल कभी नहीं चढ़ता है।

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इस फूल को भगवान शिव ने अपनी पूजा से त्याग दिया है। केतकी को भगवान शिव पर नहीं चढ़ाया जाता है और इसके पीछे एक कारण है। कारण है कि एक बार ब्रह्माजी और भगवान विष्णु में विवाद हो गया। दोनों में कौन अधिक बढ़ा हैं।विवाद का फैसला शिव जी को करना था। भगवान शिव की माया से एक ज्योतिर्लिंग सामने आया। शिव जी ने कहा कि ब्रह्मा और विष्णु में से जो भी ज्योतिर्लिंग का आदि-अंत बता देगा, वह बड़ा कहलाएगा। ब्रह्माजी ज्योतिर्लिंग को पकड़कर नीचे की ओर चल पड़े और विष्णु जी ऊपर की ओर चल पड़े।

काफी देर बाद ब्रह्माजी ने देखा कि एक केतकी फूल भी उनके साथ नीचे आ रहा है। ब्रह्माजी ने केतकी के फूल को झूठ बोलने के लिए तैयार कर लिया और भगवान शिव के पास पहुंच गए। ब्रह्माजी ने कहा कि मुझे ज्योतिर्लिंग कहां से उत्पन्न हुआ, यह पता चल गया है। वहीं विष्णु जी ने कहा कि मैं ज्योतिर्लिंग का अंत नहीं जान पाया।ब्रह्माजी ने अपनी बात को सच साबित करने के लिए केतकी के फूल से गवाही दिलवाई, लेकिन शिव जी ने ब्रह्माजी का झूठ पकड़ लिया। ब्रह्माजी का एक सिर काट दिया। केतकी के फूल ने झूठ बोला था इसलिए भगवान शिव ने इसे अपनी पूजा से वर्जित कर दिया।


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