पितृ पक्ष: पितरों को खुश करने के लिए ध्यान रखें ये 10 बातें, क्या करें-क्या न करें
पितृ दोष कुंडली के जटिल दोषों में से एक होने से पितरों की शांति के लिए भाद्रपद शुक्ल पूर्णिमा से पितृपक्ष शुरू होता है। जिसमें तर्पण व श्राद्ध होता है। रखें इन बातों का ध्यान...
क्या करें:
पशु पक्षियों को अन्न:
मान्यता है कि पितृ पक्ष में 15 दिनों तक पशु पक्षियों को अन्न- जल देना चाहिए। इससे पितृ गण खुश होते हैं।
हर किसी आदर करें:
पितृ पक्ष में पितर किसी भी रूप में आपके घर या दरवाजे पर दस्तक दे सकते हैं। इसलिए हर किसी आदर जरूर करें।
ब्रह्मचर्य का पालन जरूरी:
पितृ पक्ष में शुद्ध शाकाहारी भोजन करना चाहिए। इसके अलावा इन दिनों ब्रह्मचर्य का पालन करना जरूरी होता है।
तर्पण और श्राद्ध अनिवार्य:
पितृ पक्ष में पितरों को खुश करने और तृप्त करने के लिए हर दिन तर्पण व मुख्य तिथि पर श्राद्ध करना चाहिए।
ब्राह्मणों को भोजन कराएं:
माना जाता है कि पितरों को प्रसन्न करने के लिए पितृ पक्ष में श्राद्ध वाले दिन ब्राह्मणों को भोजन कराना अनिवार्य है।
क्या न करें:
नए वस्त्र न खरीदें न पहनें:
मान्यता है कि जो लोग 15 दिन तक पितर मानते हैं उन्हें इस दौरान नए वस्त्र आदि नहीं पहनने चाहिए।
बाल-नाखून काटना निषेध:
पितृ पक्ष में नया काम नहीं शुरू करना चाहिए। इसके अलावा बाल, नाखून काटने से पितर नाराज होते हैं।
ये सब्जियां न अर्पित करें:
मान्यता है कि पितृ पक्ष में जमीन के नीचे पैदा होने वाली सब्जियां पितरों को नहीं अर्पित की जाती हैं।
श्राद्ध कर्ता करें ये सब:
श्राद्ध कर्ता पितर पक्ष में लड़ाई, झगड़े से बचे। किसी का अपमान न करें। झूठ बोलने से परहेज करें।
मांस मदिरा से दूर रहें:
पितृ पक्ष में घर पर मांस, मछली आदि न पकाएं। श्राद्ध कर्ता 15 दिन इन सबसे बिल्कुल दूर रहें।