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अटका काशी विश्वनाथ दरबार का विस्तार

श्रीकाशी विश्वनाथ मंदिर का श्रद्धालुहित में विस्तार और सुंदरीकरण प्रशासनिक सुस्ती में अटक गया है । मंदिर प्रशासन की ओर से जो पहल की गई, वह जिला प्रशासन के यहां जाकर फंस गया है। न तो भवनों के अधिग्रहण की दिशा में पहल हो सकी है, न ही मास्टर प्लान

By Preeti jhaEdited By: Published: Mon, 08 Jun 2015 03:13 PM (IST)Updated: Mon, 08 Jun 2015 03:18 PM (IST)
अटका काशी विश्वनाथ दरबार का विस्तार

वाराणसी। श्रीकाशी विश्वनाथ मंदिर का श्रद्धालुहित में विस्तार और सुंदरीकरण प्रशासनिक सुस्ती में अटक गया है । मंदिर प्रशासन की ओर से जो पहल की गई, वह जिला प्रशासन के यहां जाकर फंस गया है। न तो भवनों के अधिग्रहण की दिशा में पहल हो सकी है, न ही मास्टर प्लान ही तय फैसले के अनुसार बन सका है।

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इसी वर्ष फरवरी में बैठक के बाद मंदिर प्रशासन ने आधा दर्जन से अधिक भवनों के अधिग्रहण को लेकर अर्जन व्यय व प्रतिकर के रूप में 2.20 करोड़ रुपये जिला प्रशासन के पास जमा करा दिए। इस दिशा में कोई कदम उठाया जाना तो दूर, भवन स्वामियों से वार्ता तक नहीं की जा सकी है। यह स्थिति तब है, जबकि तमाम दानदाता एक-एक भवन खुद खरीद कर देने को तैयार हैं। बस इसमें अधिग्रहण के रोड़े दूर कर लिए जाने का इंतजार है। उधर, प्रदेश सरकार की ओर से दो साल पहले ही मंदिर के विस्तारीकरण की पहल की गई। उसी दौरान तय किया गया था कि श्रद्धालु सुविधाओं के लिए जरूरी संसाधनों के पांच कुशल आर्किटेक्टों से मानचित्र व डिजाइन बनवा लिए जाएं। इसमें से सर्वश्रेष्ठ मास्टर प्लान की दिशा में आगे बढ़ा जाएगा। लेकिन, एक आर्किटेक्ट से प्लान बनवाकर इतिश्री कर ली गई।

इस पर नौ फरवरी की बैठक में न्यास परिषद ने आपत्ति भी जताई थी। अब आलम यह है कि पहले से अधिग्रहीत गोयनका भवन की जमीन पर पूरा मंदिर का सुंदरीकरण व विस्तारीकरण टिक गया है। मंदिर प्रशासन यहां श्रद्धालु सुविधाओं के निमित्त भवन बनवाने में जुटा है। इसमें भूतल में कतार के लिए जिगजैग, विश्रमालय व अन्य दफ्तर होंगे।1 गलियों में ग्रेनाइट बिछाई जाएगी। काशी विश्वनाथ मंदिर के मुख्य कार्यपालक अधिकारी अजय अवस्थी बताते हैं कि गोयनका भवन की जमीन पर निर्माण के लिए राजकीय निर्माण निगम से अनुबंध होने जा रहा है।

बाबा विश्वनाथ को अर्पित किया रजत कलश

काशी विश्वनाथ मंदिर में रविवार को आंध्र प्रदेश के एन श्रीविजय कुमार ने रजत कलश अर्पित किया। इस पर सोने से ओम् नम: शिवाय अंकित किया गया है। श्रीविजय दोपहर में मंदिर पहुंचे और मंदिर प्रबंधन को इसे प्रदान किया। इसे बाबा की पूजा-अर्चना में उपयोग करने का आग्रह भी किया। इसकी कीमत आठ लाख रुपये बताई जा रही है।

न्यास अध्यक्ष ने खोला मोर्चा, बैठक पर अड़े

काशी विश्वनाथ मंदिर न्यास व अधिकारियों के बीच खींचतान अब आगे बढ़ती नजर आ रही है। नोटिस मिलने के बाद खुद न्यास अध्यक्ष ने मोर्चा खोला है। उन्होंने सीइओ को लिखे पत्र में नौ जून को मंडलायुक्त सभागार में दोपहर 12 बजे से बैठक की दृढ़ता जताते हुए तैयारी करने का निर्देश दिया है। इस संबंध में पूर्व में न्यास अध्यक्ष आचार्य अशोक द्विवेदी द्वारा पत्र लिखे गए पत्र पर पत्र के जरिए ही सीइओ ने कानूनी अड़चनें बताई थीं। साथ ही खुद अवकाश पर होने की भी जानकारी दी थी। इसे अध्यक्ष की मर्यादा के प्रतिकूल टिप्पणी करार देते हुए निंदनीय बताया है। मौखिक अवकाश को भी अवैधानिक करार दिया है


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