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श्री पद्मनाभ स्‍वामी मंदिर में खजाने की फेहरिस्‍त बना रहे पैनल

केरल के प्रसिद्ध मंदिर श्री पद्मनाभ स्‍वामी मंदिर में संपत्‍ित की फेहरिस्‍त बना रहे एक्‍सपर्ट पैनल ने मंदिर के बिना छुई गई तिजोरी को खोलने के लिए सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है। इस विवादास्‍पद कदम से न्‍यायपालिका और धार्मिक अधिकारियों के बीच मतभेद बढ़ सकता है।

By Preeti jhaEdited By: Published: Mon, 08 Feb 2016 10:58 AM (IST)Updated: Mon, 08 Feb 2016 11:18 AM (IST)
श्री पद्मनाभ स्‍वामी मंदिर में खजाने की फेहरिस्‍त बना रहे पैनल

तिरुवनंतपुरम। केरल के प्रसिद्ध मंदिर श्री पद्मनाभ स्वामी मंदिर में संपत्ित की फेहरिस्त बना रहे एक्सपर्ट पैनल ने मंदिर के बिना छुई गई तिजोरी को खोलने के लिए सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है। इस विवादास्पद कदम से न्यायपालिका और धार्मिक अधिकारियों के बीच मतभेद बढ़ सकता है।

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16वीं शताब्दी के इस मंदिर में त्रावणकोर के पूर्व शासकों का शादी मंदिर हुआ करता था। पांच साल पहले इसके छह तहखानों में से एक को खोला गया था, जिसे बाद में 'ए' कोड नाम दिया गया था। इसमें से एक लाख करोड़ कीमत के टनों सोने के सिक्के, आभूषण और हीरे मिले थे।

केरल का यह मंदिर तिरुवनंतपुरम में स्थित है और इसे देश का सबसे धनी मंदिर माना जाता है। यह उन चुनिंदा हिंदू धर्मस्थलों में से है, जहां जबरदस्त मात्रा में सोने और बहुमूल्य धातुओं का खजाना है। इस खजाने के उपयोग को लेकर देशभर में चर्चा हो रही है कि उसका उपयोग कैसे किया जाए।

कई मंदिरों ने धार्मिक प्रतिबंधों का हवाला देते हुए अपने सोने को अधिकारियों के पास जमा कराने से इंकार कर दिया है। इसके साथ ही मंदिर अधिकारियों का कहना है कि यह राशि भक्तों द्वारा किए गए पवित्र दान से मिली है, इसलिए उसे लौटाया नहीं जा सकता है।

साल 2011 में शीर्ष अदालत ने गुप्त 'बी' तहखाने को खोलने की बात को तब तक के लिए टाल दिया था, जब तक 'ए' तहखाने से मिले खजाने की फेहरिस्त नहीं बन जाती है। यह काम राष्ट्रीय संग्रहालय के कंजरवेशन डिपार्टमेंट के प्रमुख वेलायुधन नायर की अध्यक्षता में अब पूरा हो चुका है।

मगर, इस मंदिर का संचालन करने वाले शाही परिवार, भक्तों का एक समूह और मंदिर प्रशासन ने मजबूती के साथ बी तहखाने को खोले जाने का विरोध किया है।


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