रोजेदारों को रखना होगा सेहत का खास ख्याल
जून में आए रमजान माह में 44 डिग्री पर पहुंचा तापमान अल्लाह की इबादत में जुटे अकीदतमंदों के सब्र का इम्तिहान लेगा। ऐसे में रोजेदारों को सेहत का भी खास ख्याल रखना होगा।
जून में आए रमजान माह में 44 डिग्री पर पहुंचा तापमान अल्लाह की इबादत में जुटे अकीदतमंदों के सब्र का इम्तिहान लेगा। ऐसे में रोजेदारों को सेहत का भी खास ख्याल रखना होगा। इस बार रोजे 15 घंटे से अधिक समय के होंगे।
डॉ. नाजिम हुसैन के अनुसार गर्मी के दिनों में इबादत के साथ गैरजरूरी खानपान से खुद को बचाना भी जरूरी है। इसमें तले और ज्यादा मीठे खाने से बचना चाहिए। डॉ. मजहर हुसैन बताते हैं रोजेदार ध्यान रखें कि सहरी में ऐसा क्या खाएं जो दिनभर के लिए मददगार हो और शाम को इफ्तारी में क्या लें जो सेहत के लिए फायदेमंद हो।
रोजा रखने के बाद भी कई लोंगों का वजन बढ़ जाता है। यह बिना सोचे-समझे खाने से होता है। इफ्तारी में तेल-घी की चीजें ज्यादा खाने व कोल्ड ड्रिंक पीने से वजन बढ़ता है। खाली पेट इनका इस्तेमाल पेट की आंतों के लिए नुकसानदायक है।
सहरी में खान-पान: पोहा, ब्रेड, अंकुरित दालें, दूध, दही, फलों का जूस, सूप, सलाद, अंडा, हलवा, ओट्स।
इफ्तारी में ये लें : खजूर, चपाती, एक कटोरी दाल, चावल, आलू की सब्जियों का सूप, नॉनवेज जो ज्यादा तला व मसालेदार न हो।
इन बातों का रखें ध्यान : जरूरी न हो तो धूप में न निकलें। जरूरी काम सुबह व शाम करें। शरीर का तापमान नियंत्रित रखने के लिए दिन में नहाएं।तेल व मसालेदार खाना न खाएं। इफ्तारी में हल्का भोजन लें।
बीमार और गर्भवती महिला को रियायत : बीमार व्यक्ति जो अस्पताल में भर्ती हैं और गर्भवती महिलाओं को रोजे में रियायत दी गई है। वे सेहतमंद होने के बाद रोजे रख सकते हैं। इन्हें कजा रोजे कहते हैं। रमजान मुकद्दस महीना है और इबादत का इसमें अजीम सवाब हासिल होता है।- डॉ. इशरत अली,शहर काजी इंदौर (मध्यप्रदेश)