Shukra Rashi Parivartan 2020: 28 सितंबर को शुक्र की बदलेगी चाल, सिंह राशि में करेगा प्रवेश
शुक्र का परिवर्तन 28 सितम्बर 2020 को कर्क राशि से सिंह राशि में होने जा रहा है। शुक्र का यह राशि गोचर सोमवार को रात 01 बजकर 02 मिनट पर होगा। जिसके बाद शुक्र 23 अक्तूबर 2020 तक इसी राशि में रहेंगे।
Shukra Rashi Parivartan 2020: शुक्र का परिवर्तन 28 सितम्बर 2020 को कर्क राशि से सिंह राशि में होने जा रहा है। शुक्र का यह राशि गोचर सोमवार को रात 01 बजकर 02 मिनट पर होगा। जिसके बाद शुक्र 23 अक्तूबर 2020 तक इसी राशि में रहेंगे। भारतीय ज्योतिष में शुक्र ग्रह को मुख्य रूप से भौतिक सुख, ऐश्वर्य और पत्नी का कारक माना गया है, यह विवाह का कारक ग्रह है। पति- पत्नी का सुख देखने के लिए कुंडली में शुक्र की स्थिति को विशेष रुप से देखा जाता है। शुक्र को सुंदरता, प्रेम संबन्ध, सजावट, ऐश्वर्य तथा कला के साथ जुड़े क्षेत्रों का अधिपति माना जाता है। रंगमंच, चित्रकार, नृत्य कला तथा फैशन भोग-विलास से संबंधित वस्तुओं को शुक्र से जोडा़ जाता है।
ज्योतिषाचार्य अनीस व्यास के मुताबिक शनि व बुध शुक्र के मित्र ग्रहों में आते हैं। शुक्र ग्रह के शत्रुओं में सूर्य व चन्द्रमा है। शुक्र के साथ गुरु व मंगल सम सम्बन्ध रखते हैं। शुक्र वृ्षभ व तुला राशि के स्वामी हैं। शुक्र तुला राशि में 0 अंश से 15 अंश के मध्य होने पर मूलत्रिकोण राशिस्थ होता है और मीन राशि के 27अंश पर परमोच्च तथा कन्या राशि के 27अंश पर परमनीच के होते हैं।
सिंह राशि में शुक्र का गोचर:
सिंह राशि में शुक्र का ग्रह का प्रवेश 28 सितंबर 2020 को होने जा रहा है । शुक्र कर्क राशि से निकलकर सिंह राशि में 23 अक्टूबर प्रात: 10 बजकर 44 मिनट तक इसी राशि में स्थित रहेंगे। वैसे तो शुक्र के इस राशि परिवर्तन का सभी राशियों पर प्रभाव पड़ेगा। लेकिन सबसे अधिक प्रभाव सिंह राशि पर देखने को मिलेगा, क्योंकि शुक्र सिंह राशि में आ रहे हैं।
शुक्र का स्वभाव:
ज्योतिष शास्त्र में शुक्र को सभी ग्रहों में सबसे चमकदार ग्रह माना गया है। कुंडली में शुक्र की प्रबल स्थिति जातक को शारीरिक रूप से सुंदर और आकर्षक बनाती है। शुक्र के प्रबल प्रभाव से महिलाएं अति आकर्षक होती हैं, शुक्र के जातक आम तौर पर फैशन जगत, सिनेमा जगत तथा ऐसे ही अन्य क्षेत्रों में सफल होते हैं। शुक्र शारीरिक सुखों के भी कारक हैं प्रेम संबंधों में शुक्र की महत्वपूर्ण भूमिका होती है। शुक्र का प्रबल प्रभाव जातक को रसिक बनाता है शरीर के अंगों में शुक्र जननांगों के कारक होते हैं तथा महिलाओं के शरीर में शुक्र प्रजनन प्रणाली का प्रतिनिधित्व करते हैं। स्त्रियों की कुंडली में शुक्र पर बुरे ग्रह का प्रभाव होने पर उनकी प्रजनन क्षमता पर विपरीत प्रभाव डालता है। शुक्र पर बुरे ग्रहों का प्रभाव जातक के वैवाहिक जीवन एवं प्रेम संबंधों में समस्याएं उत्पन्न कर सकता है। कुंडली में शुक्र पर राहु का प्रभाव जातक को वासनाओं से भर देता है।
शुक्र के गोचर का फल:
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार शुक्र सिंह राशि के लग्न भाव में भाव में गोचर करने आ रहे हैं।. लग्न भाव यानि जन्म कुंडली का प्रथम भाव. जन्म कुंडली का प्रथम भाव व्यक्ति के स्वभाव, शरीर, व्यक्तित्व, सेहत, बुद्धि आदि के बारे में जानकारी देता है। सिंह राशि के लग्न भाव में शुक्र का आना स्वभाव में विशेष परिवर्तन करेगा। ललित कलाओं की तरफ आप का रूझान हो सकता है। यदि आप मनोरंजन के क्षेत्र से जुड़े हैं तो आपको शुभ फल प्राप्त होगा। वहीं मीडिया आदि के क्षेत्र से जुड़े व्यक्तियों को भी यह शुक्र लाभ कराने वाला होगा। शुक्र के आने से सिंह राशि के जातकों के जीवन में जॉब और बिजनेस से संबंधित परेशानियां दूर होंगी। जॉब बदलने का विचार मन में है तो यह समय आपके लिए उत्तम रहेगा। लग्न में होने के कारण शुक्र सिंह राशि के जातकों व्यवहार में सौम्यता लाएगा। शुक्र का गोचर मान सम्मान में वृद्धि और प्रमोशन का कारक भी बन सकता है। इस दौरान भटकाव की स्थिति से बचना होगा।
शुक्र के उपाय:
मां लक्ष्मी अथवा मां जगदम्बा की पूजा करें। भोजन का कुछ हिस्सा गाय, कौवे और कुत्ते को दें। शुक्रवार का व्रत रखें और उस दिन खटाई न खाएं। चमकदार सफेद एवं गुलाबी रंग का प्रयोग करें। श्री सूक्त का पाठ करें। शुक्रवार के दिन सफेद वस्त्र, दही, खीर, ज्वार, इत्र, रंग-बिरंगे कपड़े, चांदी, चावल इत्यादि वस्तुएं दान करें।
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