Shardiya Navratri 2022: नवरात्र के बीच आ जाए मासिक धर्म तो न हो परेशान, ऐसे करें मां दुर्गा की पूजा
Shardiya Navratri 2022 9 दिन के नवरात्र को पवित्रता का प्रतीक माना जाता है। इन दिनों में शक्ति स्वरूप मां दुर्गा की पूजा की जाती है। लेकिन पूजन के दौरान मासिक धर्म आ जाने के कारण महिलाएं काफी दुविधा में आ जाती है कि पूजा करें कि न।
नई दिल्ली, Shardiya Navratri 2022: अश्विन मास के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि के साथ शारदीय नवरात्र आरंभ हो गए हैं। 26 सितंबर से लेकर 4 अक्टूबर को नवमी तिथि के साथ समाप्त होंगे। इस बार मां दुर्गा हाथी में सवार बोकर आ रही है। नवरात्र महिलाओं के लिए काफी खास होता है। लेकिन नौ दिनों के नवरात्रि काफी मुश्किल वाली होती है। इसका कारण है मासिक धर्म। कई बार नौ दिनों के नवरात्रि के बीच महिलाओं को मासिक धर्म हो जाते हैं। ऐसे में उन्हें समझ नहीं आता है कि अब आगे क्या करें।
नवरात्रि के व्रत के दौरान मासिक धर्म आ जाएं, तो महिलाएं करें ऐसे पूजा
अगर आप भी नवरात्रि के दौरान व्रत रख रही हैं, तो मासिक धर्म के दौरान कैसे पूजा करें। इसके साथ ही किन बातों का ध्यान रखें। जानिए
मासिक धर्म नजदीक न हो न करें व्रत
आमतौर पर महिलाएं के मासिक धर्म का चक्र 22 से 28 दिन के बीच होता है। ऐसे में हर किसी को मासिक धर्म आने के बारे में पहले से ही पता होता है। ऐसे में अगर आपको लगता है कि पीरियड नवरात्रि में हो सकते हैं,तो व्रत न रखें। लेकिन जो महिलाएं व्रत रखना चाहती है, तो वह पहला और आखिरी रख सकते हैं। इस दौरान मां के अलावा पूजा सामग्री, कलश आदि को स्पर्श न करें बल्कि दूर से ही मां के दर्शन कर लें।
व्रत के साथ कर सकती हैं पाठ
अगर आप पहला और आखिरी व्रत रखी रही हैं, तो रोजाना दुर्गा सप्तशती का पाठ करती रहें। अगर आपको सप्तशती का पाठ याद नहीं है, तो मोबाइल से देखकर पढ़ सकती है।
किसी दूसरे से कराएं पूजा
अगर नवरात्रि में आपको शंका है कि मासिक धर्म हो सकता है, तो व्रत न रखें। यदि फिर बीच के दिनों में मासिक धर्म आ गया है और आप व्रत का संकल्प कर चुकी हैं, तो आगे भी कर लें। इसके साथ ही पूजा खुद न करके घर के किसी दूसरे सदस्य से करा लें। इसके साथ ही दुर्गा सप्तशती पाठ पढ़ या फिर सुन सकते हैं।
मां दुर्गा का करते रहें मनन
जिन महिलाओं को नवरात्रि के बीच में ही मासिक धर्म आ जाए, तो उन्हें परेशान या निराश होने की जरूरत नहीं है। बस मां को मानसिक रूप से याद करती रहें और ध्यान करें। ऐसा करने से भी मां दुर्गा प्रसन्न होती हैं।
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