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सुबह-ए-बनारस की शान है संगीत समारोह

अस्सी घाट पर आयोजित संगीत समारोह सुबह-ए-बनारस की शान की शान है। यह घाटों की ठाठ में चार-चांद लगा रहा है। यहां आने के बाद लौटने का मन नहीं कर रहा।

By Preeti jhaEdited By: Published: Tue, 19 May 2015 12:47 PM (IST)Updated: Tue, 19 May 2015 12:50 PM (IST)
सुबह-ए-बनारस की शान है संगीत समारोह


वाराणसी अस्सी घाट पर आयोजित संगीत समारोह सुबह-ए-बनारस की शान की शान है। यह घाटों की ठाठ में चार-चांद लगा रहा है। यहां आने के बाद लौटने का मन नहीं कर रहा।
शनिवार को यह उदगार अस्सी घाट पर सुबह-ए-बनारस के अवलोकन के दौरान अचानक मुख्य सचिव आलोक रंजन के दिल से निकली। वे सुबह 9.35 बजे वहां पहुंचे। मुख्य सचिव ने अतिथि पुस्तिका पर दर्ज किया कि सुबह-ए-बनारस बहुत अच्छा आयोजन है। सुबह के रागों पर आधारित यह आयोजन होता है। यहां बेहद आकर्षक नृत्य का कार्यक्रम होता है। यह कार्यक्रम भारतीय संस्कृति व परंपरा को बढ़ावा देने वाला है। मुख्य सचिव ने आयोजन को लेकर जिलाधिकारी प्रांजल यादव, जिला सांस्कृतिक समिति के सचिव रत्नेश वर्मा व पार्षद गोविंद शर्मा की सराहना की। उधर, मुख्य सचिव की पत्नी ने भी मन की बात अतिथि पुस्तिका में दर्ज की। लिखा, ईश्वर की सभी नेमत हैं। इस काशी में सुबह-ए-बनारस हमें ब्रह्म मुहुर्त के तुरंत बाद यहां की पवित्रा व सुंदरता का अनुभव कराता है।
इसके पहले मुख्य सचिव ने श्रीकाशी विश्वनाथ मंदिर में रुद्राभिषेक अनुष्ठान कराया। सुबह छह बजे वे मंदिर पहुंच गए थे। पुजारी श्रीकांत मिश्र ने पांच शास्त्रियों के साथ 11 लीटर दूध से अनुष्ठान कराया। मुख्य सचिव सपत्नीक शृंगार गौरी का दर्शन किया और ज्ञानवापी मस्जिद को भी देखा। इस दौरान मौजूद अधिकारियों से मंदिर की बाबत पूरी जानकारी ली। विदा होते वक्त मंदिर के कार्यपालक पीएन द्विवेदी ने उन्हें स्मृति चिह्न व वस्त्र भेंट किए।

बनारसी कचौड़ी व जलेबी का नाश्ता
श्रीकाशी विश्वनाथ मंदिर से निकलने के बाद मुख्य सचिव परिवार के साथ बजड़े पर सवार हो नौका विहार का आनंद उठाया। इस दौरान दशाश्वमेध से अस्सी घाट का सफर तय किया। बीच में शिवाला घाट पर स्थित एक गेस्ट हाउस में उन्होंने बनारसी कचौड़ी व जलेबी का नाश्ता भी किया।

विदेशी कलाकार की कथक प्रस्तुति
अस्सी घाट पर आयोजित सुबह-ए-बनारस के मंच पर स्विट्जरलैंड की प्रशिक्षु कलाकार फेनी मर्की ने कथक नृत्य की प्रस्तुति कर सबका मन मोह लिया। इसके अलावा अन्य संगीतमय कार्यक्रम भी हुए। कार्यक्रम के अंत में जिलाधिकारी ने जिला सांस्कृतिक समिति की ओर से मुख्य सचिव को स्मृति चिह्न व वस्त्र भेंट किए। मुख्य सचिव ने अस्सी घाट की भव्यता को भी भ्रमण कर देखा।

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