Sawan Purnima 2022: सावन पूर्णिमा आज, जानिए शुभ मुहूर्त और पूजा विधि
Sawan Purnima 2022 पंचांग के अनुसार सावन पूर्णिमा के दिन भगवान शिव के अलावा चंद्रदेव की पूजा करने का विधान है। सावन पूर्णिमा के दिन काफी खास संयोग बन रहा है। जानिए सावन पूर्णिमा का शुभ मुहूर्त और पूजा विधि।
नई दिल्ली, Sawan Purnima 2022: हिंदू पंचांग के अनुसार, सावन मास की पूर्णिमा के साथ ही भगवान शिव का प्रिय माह सावन समाप्त हो जाएगा। इसके साथ ही 12 अगस्त से भाद्रपद शुरू हो जाएगा। सावन पूर्णिमा के दिन शिवजी की पूजा करने के साथ भाई-बहन के प्रेम का प्रतीक रक्षाबंधन का पर्व भी मनाया जा रहा है। सावन महीने की पूर्णिमा 11 और 12 अगस्त को रहेगी। इस वजह से रक्षा बंधन भी दो दिन मनाया जाएगा।
श्रावण मास की पूर्णिमा का हिंदू धर्म में बहुत अधिक महत्व है। पूर्णिमा के साथ ही सावन माह का समाप्त हो जाएगा और भाद्रपद की शुरुआत हो जाएगी। सावन पूर्णिमा के दिन भगवान शिव के साथ, मां लक्ष्मी और भगवान विष्णु की पूजा करने के साथ चंद्रदेव की पूजा करने का विधान है। जानिए सावन पूर्णिमा का शुभ मुहूर्त और पूजा विधि।
श्रावण मास की पूर्णिमा (Sawan Purnima) का शुभ मुहूर्त
श्रावण मास की पूर्णिमा प्रारंभ- 11 अगस्त 2022, गुरुवार - प्रातः काल 10 बजकर 38 मिनट
श्रावण मास की पूर्णिमा- प्रातःकाल 7 बजकर 5 मिनट तक रहेगी।
अभिजीत मुहूर्त- 11 अगस्त को दोपहर 12 बजे से लेकर 12 बजकर 53 मिनट तक
अमृत काल- शाम 6 बजकर 55 मिनट से रात 8 बजकर 20 मिनट तक रहेगा।
चंद्रोदय व चंद्रास्त का समय
चंद्रोदय: 11 अगस्त को शाम 6 बजकर 57 मिनट तक
चंद्रास्त: 12 अगस्त को सुबह 5 बजकर 53 मिनट तक
सावन पूर्णिमा पर बन रहे हैं खास योग
रवि योग : सुबह 5 बजकर 56 मिनट से सुबह 06 बजकर 53 मिनट तक
आयुष्मान योग : 10 अगस्त शाम 7 बजकर 36 मिनट से लेकर 11 अगस्त दोपहर 03 बजकर 32 मिनट तक
सौभाग्य योग : 11 अगस्त दोपहर 3 बजकर 32 मिनट से 12 अगस्त सुबह 11 बजकर 34 मिनट तक
चंद्रदेव की करें पूजा
पूर्णिमा पर चंद्रदेव 16 कलाओं के साथ दिखाई देते हैं। इसलिए चंद्रदेव की पूजा करने का विशेष महत्व है। शाम को चंद्रोदय के बाद चंद्रदेव को चांदी के लोटे से दूध अर्पित करना चाहिए। इस दौरान ऊँ सों सोमाय नम: मंत्र का जप करें।
शिव जी की पूजा
सावन माह पूर्णिमा के साथ ही समाप्त हो जाएगा। इसलिए इस दिन भोलेनाथ का अभिषेक जरूर करें। शिवलिंग पर जल और दूध से अभिषेक करें। इसके साथ ही बेलपत्र चढ़ाएं। इससे भगवान शिव की कृपा प्राप्त होगी।
मां लक्ष्मी की करें पूजा
पूर्णिमा के दिन मां लक्ष्मी के साथ भगवान विष्णु की भी पूजा करें। इस दिन दोनों को पीले रंग के फूल और कौड़ियां चढ़ाएं। विधिवत तरीके से पूजा करने से मां लक्ष्मी की कृपा प्राप्त होगी।
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