संत, आचार्य, चित्रकार सभी ने कहा भगवान खुद बहुत सुंदर हैं
कन्हैया के स्वरूप से छेड़छाड़ कतई नहीं की जानी चाहिए। इससे सनातन धर्म और कान्हा के प्रेमियों को ठेस लगती है। वैसे भी धर्म और धार्मिक भावनाओं से खिलवाड़ बुरी बात है। इसका सभी को विरोध भी करना चाहिए।
वृंदावन। कन्हैया के स्वरूप से छेड़छाड़ कतई नहीं की जानी चाहिए। इससे सनातन धर्म और कान्हा के प्रेमियों को ठेस लगती है। वैसे भी धर्म और धार्मिक भावनाओं से खिलवाड़ बुरी बात है। इसका सभी को विरोध भी करना चाहिए।
यह कहना है यहां के संत, आचार्यों और कन्हैया के चित्र बनाने में महारथ हासिल करने वाले चित्रकार का। दरअसल, इन दिनों वृंदावन के बाजारों में लड्डू गोपाल के विग्रह को सजाधजा कर उन्हें चश्मा और हैट लगाकर दर्शाया जा रहा है। इसके विरोध में संत ललिता शरण का कहना है किसी भी सनातन धर्म के व्यक्ति को ऐसा कतई नहीं करना चाहिए। इससे श्रीकृष्ण के भक्तों की धार्मिक भावना को ठेस लगती है। उन्होंने कहा कि कन्हैया अति सुंदर है इसका वर्णन शास्त्रों में है। संत सेवानंद ब्रह्मचारी ने कहा कि आधुनिक परिवेश में प्रभु कन्हैया को दिखाना उचित नहीं। उन्हें चश्मा और हैट नहीं लगाना चाहिए।
आचार्य बद्रीशजी ने कहा कि कन्हैया के चरित्र और उनकी सुंदरता का वर्णन शास्त्रों में है। प्रभु के विग्रह को हैट और चश्मा कतई नहीं लगाना चाहिए। आचार्य नरेश नारायण ने कहा कि कन्हैया के विग्रह बेचने वाले क्या जानते हैं। दुकानदारों उनके स्वरूप के साथ चश्मा व हैट आदि लगाकर किसी प्रकार की छेड़छाड़ नहीं करनी चाहिए। प्रख्यात चित्रकार द्वारिका आनंद ने कहा कि कन्हैया के स्वरूप वाले चित्रों के साथ लंबे समय से छेड़छाड़ हो रही है। इसका उन्होंने कई बार विरोध किया लेकिन अब यदि श्रीधाम में उनके विग्रह को हैट व चश्मा लगाया जा रहा है यह और भी बुरी बात है।