नई दिल्ली, वेब डेस्क | Rudraksha Benefits, Mahatva and Upay: हिन्दू धर्म में किसी भी मांगलिक कार्य में रुद्राक्ष का होना अनिवार्य माना जाता है। ऐसा इसलिए क्योंकि इन्हें भगवान शिव और अन्य देवी-देवताओं का साक्षात रूप माना जाता है। किवदंतियों में यह भी उल्लेखित है कि रुद्राक्ष की उत्पत्ति भगवान शिव के आंसुओं से हुई थी। साथ ही कुछ विद्वान रुद्राक्ष को भगवान शिव का आंख बताते हैं। यही कारण है कि सनातन धर्म में रुद्राक्ष को बहुत महत्वपूर्ण माना जाता है और इनका बड़े स्तर पर उपयोग किया जाता है। इसके साथ यह भी बता दें कि ज्योतिष शास्त्र में भी रुद्राक्ष के महत्व और उनसे जुड़े उपायों को विस्तार से बताया गया है। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार सही रुद्राक्ष धारण करने से कई प्रकार के दोष और अशुभ योग खत्म हो जाते हैं और जीवन में खुशहाली आती है। आइए जानते हैं।
रुद्राक्ष का महत्व (Importance of Rudraksha)
शास्त्रों में बताया गया है कि एक मुखी से 14 मुखी रुद्राक्ष तक की उत्पत्ति भगवान शिव के अश्रु से हुई थी। साथ इनमें कई प्रकार के चमत्कारी गुण मौजूद होते हैं जिनसे व्यक्ति को जीवन में बहुत लाभ मिलता है। बता दें कि रुद्राक्ष धारण करने से व्यक्ति को पाप, भय व दरिद्रता से छुटकारा मिल जाता है और उसे सदैव भाग्य का साथ मिलता है। वहीं रुद्राक्ष को रोगनाशक भी कहा जाता है। मान्यता है कि इन्हें धारण करने से कई प्रकार के रोग और नकारात्मकताओं से मुक्ति मिल जाती है। लेकिन ज्योतिष विद्वान यह सलाह देते हैं कि इन्हें धारण करने से पहले ज्योतिष सलाह अवश्य लेनी चाहिए।
इन अशुभ दोष और योग से मिलेगी मुक्ति (Rudraksha Ke Upay)
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ज्योतिष शास्त्र में बताया गया है मांगलिक योग की शांति के लिए 11 मुखी रुद्राक्ष को बहुत ही कारगर माना जाता है।
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जिन लोगों की कुंडली में ग्रहण योग हैं उनके लिए 2 और 8 मुखी रुद्राक्ष की माला बहुत ही लाभकारी है।
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काल सर्प दोष से परेशान जातकों को आठ और नौ मुखी रुद्राक्ष पहनना चाहिए। इससे उन्हें बहुत लाभ मिलेगा।
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कुंडली में यदि शाक्त योग बन रहा है और उससे छुटकारा पाने चाहते हैं तो व्यक्ति के लिए 10 मुखी रुद्राक्ष बहुत लाभदायक है।
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चंडाल दोष से मुक्ति के लिए पांच और दस मुखी रुद्राक्ष की माला को धारण करना चाहिए। ऐसा करने से व्यक्ति को जल्द ही लाभ दिखना शुरू हो जाएगा।
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जो लोग केद्रुम योग की शांति का उपाय खोज रहे हैं उन्हें 13 मुखी रुद्राक्ष को चांदी के साथ धारण करना चाहिए। यह उनके बहुत लाभकारी साबित होगा।
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