Move to Jagran APP

दिति ने ऋषि कश्यप को कामातुर होने पर विवश कर दिया

कुछ समय बाद हिरण्याक्ष और हिरण्याकश्यिपु ने जन्म लिया। हिरण्ययाक्ष का वध भगवान विष्णु ने वराह अवतार रख किया। वहीं,हिरण्यकश्यिपु का वध नृसिंह अवतार में किया।

By Preeti jhaEdited By: Published: Sat, 02 Jul 2016 02:47 PM (IST)Updated: Sat, 02 Jul 2016 03:16 PM (IST)
दिति ने ऋषि कश्यप को कामातुर होने पर विवश कर दिया

बात बहुत पुरानी है एक समय कश्यप ऋषि भगवान को प्रसन्न करने के लिए यज्ञ कर रहे थे। वह यज्ञ करते समय खीर की आहुतियां दे रहे थे।

loksabha election banner

शाम का समय था। तभी वहां प्रजापति दक्ष की पुत्री दिति कामातुर होकर वहां पहुंची। और ऋषि से याचना की। ऋषि ने कहा, शाम के समय यह संभव नहीं, इस समय भगवान शिव विचरण करते हैं।

वेदों में शाम का समय पूजा-पाठ का समय बताया गया है। लेकिन दिति ने ऋषि कश्यप को कामातुर होने पर विवश कर दिया। दिति की कामेच्छा जब पूरी हुई तो ऋषि ने कहा, तुमने मेरी बात को न मानते हुए असमय भोग किया उसके कारण तुम्हारे गर्भ में दो अमंगलकारी पुत्र पैदा होंगे। जो पूर्ण रूप से अधार्मिक होंगे। जिनका वध स्वयं नारायण करेंगे। इस तरह कुछ समय बाद दिति ने गर्भधारण किया।

कुछ समय बाद हिरण्याक्ष और हिरण्याकश्यिपु ने जन्म लिया। हिरण्ययाक्ष का वध भगवान विष्णु ने वराह अवतार रख किया। वहीं,हिरण्यकश्यिपु का वध नृसिंह अवतार में किया।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.