पहुंचा डमरू दल, गंगा में प्रतिमा विसर्जन को लेकर आस्था और प्रशासन आमने-सामने
गणेश प्रतिमा के गंगा में विसर्जन को लेकर मंगलवार देर रात तक हंगामाखेज और बेहद तनावपूर्ण स्थिति बनी रही। आस्थावान सोमवार रात से ही गोदौलिया में भारी संख्या में धरना पर डटे हुए हैं, जबकि उनके समर्थन में साधु-संतों का जमावड़ा लगातार बढ़ता जा रहा है। देर रात हजारों की
वाराणसी । गणेश प्रतिमा के गंगा में विसर्जन को लेकर मंगलवार देर रात तक हंगामाखेज और बेहद तनावपूर्ण स्थिति बनी रही। आस्थावान सोमवार रात से ही गोदौलिया में भारी संख्या में धरना पर डटे हुए हैं, जबकि उनके समर्थन में साधु-संतों का जमावड़ा लगातार बढ़ता जा रहा है। देर रात हजारों की संख्या में डमरू दल के पहुंचने और उनके द्वारा डमरू वादन के साथ जयकारे से माहौल पूरी तरह गरम हो गया। गंगा में प्रतिमा विसर्जन नहीं होने देने पर प्रशासन भले अड़ा हुआ है, मगर पूजा आयोजन समिति और आस्थावानों की आक्रामता के आगे उसकी एक नहीं चल पा रही। इस दौरान दशाश्वमेध घाट की ओर बढऩे की कोशिश कर रहे लोगों को रोकने के लिए पुलिस को कई बार बल प्रयोग करने पड़े। नोकझोंक भी हुई। जवानों पर पानी की बोतलें फेंकी गईं, कई दफे पथराव हुए, भगदड़ की स्थिति बनी और पुलिस प्रशासन मुर्दाबाद के नारे लगे।
दोपहर में संत समाज के भी गंगा में मूर्ति विसर्जन के समर्थन में धरना स्थल पर आकर डट जाने से स्थिति गंभीर हुई। शंकराचार्य स्वरूपानंद सरस्वती के प्रतिनिधि स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद और पातालपुरी मठ के महंत बाबा बालकदास ने मांग के समर्थन में दोपहर बाद से ही अन्न-जल त्याग दिया। संतों का कहना है कि जब गणपति सड़क पर हैं तो वे मठों में कैसे बैठे रह सकते हैं। उनकी मांग है कि मूर्तियों का विसर्जन गंगा में ही कराया जाए। इस दौरान टिहरी से प्रवाह छोड़ा जाए, जिससे मूर्तियों के अवशेष प्रवाह संग बह जाएं।
प्रशासन की हर कोशिश नाकाम - गोदौलिया चौराहे पर चले रहे धरना-प्रदर्शन को खत्म कराने की प्रशासन की हर कोशिश नाकाम होती दिख रही है। क्षेत्र में हजारों की भीड़ जमा है और स्थिति कभी भी विस्फोटक हो सकती है। एक तरफ बड़ी संख्या में फोर्स तैनात है तो दूसरी ओर ज्ञानवापी जाने वाले रास्ते पर गोदौलिया चौराहे के करीब ही प्रतिमा को रोककर धरना चल रहा है। स्थिति की गंभीरता को देखते हुए ज्ञानवापी से भी फोर्स मंगा ली गई।
सोमवार शाम से शुरू है विसर्जन का विवाद - आसभैरव स्थित काशी मराठा गणेशोत्सव समिति की गणपति प्रतिमा विसर्जन को लेकर सोमवार की शाम विवाद उस समय शुरू हुआ, जब पुलिस बल ने दशाश्वमेध घाट की ओर बढ़ रहे पूजा आयोजकों को गोदौलिया पर रोक दिया। अधिकारियों का कहना था कि हाईकोर्ट के आदेश के अनुपालन में प्रतिमा का विसर्जन गंगा में नहीं, तालाब या कुंड में किया जाए। दोनों पक्षों के मध्य विवाद का कोई समाधान नहीं निकला, जिसके बाद प्रतिमा को लेकर लोग धरने पर बैठ गए।
धरने के समर्थन में समितियां लामबंद- धरने के समर्थन में मंगलवार को विभिन्न पूजा समितियों के प्रतिनिधि लामबंद दिखे। उनका कहना था कि काशी की गौरवशाली संस्कृति व परंपरा को अक्षुण्ण रखते हुए प्रतिमाओं का विसर्जन हर हाल में गंगा में ही किया जाएगा। सभी पूजा समितियों ने एकजुट होकर गंगा में विसर्जन की छूट दिए जाने की मांग की है।
हियूवा ने निकाला जुलूस, कराया बंद- जिला प्रशासन के विरोध में हिंदू युवा वाहिनी ने मंगलवार को 'बनारस बंद' का आहवान किया था। वाहिनी के कार्यकर्ताओं ने मैदागिन से जुलूस निकाला और प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी की। चौक पहुंचने पर पुलिस ने कार्यकर्ताओं को तितर-बितर किया। इसका कुछ इलाकों में आंशिक असर रहा। गोदौलिया, दशाश्वमेध, बांसफाटक, विश्वनाथ गली, गिरजाघर आदि इलाकों में दुकानें बंद रहीं। लंका क्षेत्र में दुकान बंद करा रहे लोगों को पुलिस ने बल प्रयोग कर खदेड़ा। इस दौरान हिंदू युवा वाहिनी के कई कार्यकर्ताओं को पुलिस ने पकड़ा। नई सड़क इलाके में दुकान बंद करा रहे लोगों से दुकानदारों की झड़प हुई। पुलिस ने दुकान बंद करा रहे लोगों को तितर-बितर किया।