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Ravi Pushya Yog 2023: 5 फरवरी को बन रहा है रवि पुष्य योग, इन चीजों की खरीदारी करना होगा शुभ

Ravi Pushya Yog 2023 हिंदू धर्म में रवि पुष्य योग को काफी शुभ योग माना जाता है। 27 नक्षत्रों में से एक इस योग में खरीदारी करने के साथ निवेश करना लाभकारी होता है। जानिए रवि पुष्य योग के बारे में सबकुछ।

By Shivani SinghEdited By: Shivani SinghPublished: Fri, 03 Feb 2023 09:26 AM (IST)Updated: Fri, 03 Feb 2023 09:55 AM (IST)
Ravi Pushya Yog 2023: 5 फरवरी को बन रहा है रवि पुष्य योग, इन चीजों की खरीदारी करना होगा शुभ
Ravi Pushya Yog 2023: 5 फरवरी को बन रहा है रवि पुष्य योग

नई दिल्ली, Ravi Pushya Yog 2023: साल का दूसरा रवि पुष्य योग 5 फरवरी को लगने वाला है। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, रविवार और पुष्य योग के संयोग को रवि पुष्य योग कहा जाता है। इस योग के साथ सर्वार्थ सिद्धि योग भी बन रहा है। ऐसे में इस दिन देवी-देवता की पूजा करने के साथ-साथ खरीदारी,लेन-देन, निवेश करने के साथ नौकरी और बिजनेस की नई शुरुआत करना लाभकारी सिद्ध होगा। इस दिन माघ पूर्णिमा पड़ रही है। ऐसे में इस योग का महत्व और भी अधिक बढ़ जाता है। जानिए रवि पुष्य योग के बारे में सबकुछ।

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कब से कब तक रवि पुष्य योग 2023?

हिंदू पंचांग के अनुसार, रवि पुष्य योग  5 फरवरी को सुबह 7 बजकर 7 मिनट से शुरू हो रहा है, जो दोपहर 12 बजकर 13 मिनट पर समाप्त हो जाएगा। इसके साथ ही इसी समय सर्वार्थ सिद्धि योग भी बन रहा है। इतना ही नहीं इस दिन माघ पूर्णिमा भी है।

रवि पुष्य योग में करें इन चीजों की खरीदारी

रवि पुष्य योग को 27 नक्षत्रों में से एक माना जाता है। इसलिए इस दिन शुभ काम करना शुभ माना जाता है। इसके अलावा रवि पुष्य योग पर सोना-चांदी के आभूषण, वाहन, प्रॉपर्टी, कपड़ा, बर्तन, इलेक्ट्रॉनिक चीजें आदि को खरीदना शुभ माना जाता है। इसके अलावा अगर किसी बिजनेस में निवेश करना चाहते हैं, तो इस योग में करना शुभ होगा।

स्थाई होता है रवि पुष्य नक्षत्र

शास्त्रों के अनुसार, रवि पुष्य नक्षत्र को  अमरेज्य माना जाता है। यानी वह नक्षत्र जो जीवन में स्थिरता और अमरता लाता है। रवि पुष्य नक्षत्र के स्वामी शनि है। लेकिन इसकी प्रकृति गुरु ग्रह की तरह होती है। इसी के कारण यह योग सुख-समृद्धि, वैभव और सफलता लाता है।  

2023 में पांच बार बनेगा रवि पुष्य योग

साल 2023 में पहला रवि पुष्य योग 8 जनवरी को बना था। इसके बाद 5 फरवरी है। फिर 10 सितंबर, 8 अक्टूबर और 5 नवंबर को बनेगा। 

डिसक्लेमर- 'इस लेख में निहित किसी भी जानकारी/सामग्री/गणना की सटीकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संग्रहित कर ये जानकारियां आप तक पहुंचाई गई हैं। हमारा उद्देश्य महज सूचना पहुंचाना है, इसके उपयोगकर्ता इसे महज सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त, इसके किसी भी उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता की ही रहेगी।'


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