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Ramcharitmanas: रामचरितमानस के इन 10 चौपाइयों से बदल जाएगा व्यक्ति का जीवन

Ramcharitmanas Upay गोस्वामी तुलसीदास द्वारा रचित रामचरितमानस को हिन्दू धर्म में बहुत ही महत्वपूर्ण माना जाता है। रामचरितमानस में भगवान श्री राम के जीवन का वर्णन आसान भाषा में किया गया है। जिसका पाठ करने से व्यक्ति को बहुत लाभ मिलता है।

By Shantanoo MishraEdited By: Shantanoo MishraPublished: Tue, 31 Jan 2023 02:23 PM (IST)Updated: Tue, 31 Jan 2023 02:23 PM (IST)
Ramcharitmanas Chaupai: रामचरितमानस की इन चौपाइयों से बदल जाएगा व्यक्ति का जीवन।

नई दिल्ली, अध्यात्मिक डेस्क | Ramcharitmanas Chaupai: व्यक्ति के जीवन में कई बार कुछ ऐसी समस्याएं हैं जो अचानक उत्पन्न हो जाती हैं, जिनके कारण उथल-पुथल मच जाता है। ऐसे में इन समस्याओं का हल न तो किसी जानकर की सहायता से मिलता है और न ही अनुभव से। इस स्थिति में शास्त्र एवं धार्मिक ग्रंथों का उपयोग किया जा सकता है। ऐसा इसलिए क्योंकि इनमें जीवन में आ रही सभी समस्याओं का हल और उपाय बताया गया है। ऐसे ही कुछ उपाय सिद्ध धर्म ग्रन्थ रामचरितमानस में बताए गए हैं। बता दें कि गोस्वामी तुलसीदास द्वारा रचित रामचरितमानस (Ramcharitmanas Ki Chaupai) में भगवान श्री राम के जीवन को सरल भाषा में वर्णित किया गया है। इनमें दिए गए मनस मंत्रों अथवा चौपाइयों का पाठ करने से आदिकवि वाल्मीकि द्वारा रचित रामायण के पाठ के समान फल मिलता है। रामचरितमानस में कुछ ऐसी चौपाइयां हैं, जिनका नितदिन पाठ करने से व्यक्ति कई समस्याओं से छुटकारा पा सकता है। आइए जानते हैं -

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शिक्षा में एकाग्रता के लिए

गुरगृहं गए पढ़न रघुराई।

अलप काल बिद्या सब आई।।

भय से मुक्ति के लिए

रामकथा सुन्दर कर तारी।

सं शय बिहग उड़व निहारी।।

सं कटों के नाश के लिए

राजीव नयन धरें धनु सायक।

भगत बिपति भं जन सुखदायक।।

अचानक आई समस्या से मुक्ति के लिए

दीन दयाल बिरिदु सं भारी।

हरहु नाथ मम सं कट भारी।।

शत्रुओं से मुक्ति के लिए

बयरु न कर काहू सन कोई।

राम प्रताप विषमता खोई।।

मनोकामनापूर्ति के लिए

भव भेषज रघुनाथ जसु सुनहिं जे नर अरु नारि।

तिन्ह कर सकल मनोरथ सिद्ध करहिं त्रिसिरारि।।

आर्थिक उन्नति के लिए

जे सकाम नर सुनहिं जे गावहिं ।

सुख सं पति नाना बिधि पावहिं ।।

विद्या प्राप्ति हेतु

गुरु गृह गए पढ़न रघुराई।

अल्पकाल विद्या सब आई।।

रोग से मुक्ति के लिए

दैहिक दैविक भौतिक तापा।

राम राज नहिं काहुहिं ब्यापा।।

श्री राम के आशीर्वाद के लिए

सुनि प्रभु वचन हरष हनुमाना।

सरनागत बच्छल भगवाना।।

डिसक्लेमर- इस लेख में निहित किसी भी जानकारी/सामग्री/गणना की सटीकता या विश्वसनीयता की गारं टी नहीं है। विभिन्न माध्यमों /ज्योतिषियों /पं चां ग/प्रवचनों /मान्यताओं /धर्मग्रं थों से सं ग्रहित कर ये जानकारियां आप तक पहुं चाई गई हैं । हमारा उद्देश्य महज सूचना पहुं चाना है, इसके उपयोगकर्ता इसे महज सूचना समझकर ही लें । इसके अतिरिक्त, इसके किसी भी उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता की ही रहेगी।


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