Move to Jagran APP

Pradosh Vrat 2021: जानिए साल 2021 में आने वाले प्रदोष व्रत, पढ़ें कथा

Pradosh Vrat 2021 प्रदोष व्रत की अपनी अहमियतता है। पूजा पाठ में यकीन रखने वाले लोग प्रदोष व्रत को कभी निकलने नहीं देते। हर माह के शुक्ल पक्ष और कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी को प्रदोष व्रत होता है।

By Shilpa SrivastavaEdited By: Published: Sun, 31 Jan 2021 11:20 AM (IST)Updated: Sun, 31 Jan 2021 11:20 AM (IST)
Pradosh Vrat 2021: जानिए साल 2021 में आने वाले प्रदोष व्रत, पढ़ें कथा

Pradosh Vrat 2021: प्रदोष व्रत की अपनी अहमियतता है। पूजा पाठ में यकीन रखने वाले लोग प्रदोष व्रत को कभी निकलने नहीं देते। हर माह के शुक्ल पक्ष और कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी को प्रदोष व्रत होता है। प्रदोष व्रत के दिन भगवान शिव के साथ उनके परिवार की पूजा की जाती है। साल 2021 में कुल 24 प्रदोष व्रत हैं। जिनमें से एक 10 जनवरी को जा चुका है और दूसरा 26 जनवरी को। अब अगला व्रत 9 फरवरी को होगा।

loksabha election banner

आने वाले प्रदोष व्रत:

09 फरवरी- भौम प्रदोष व्रत

24 फरवरी- प्रदोष व्रत

10 मार्च- प्रदोष व्रत

26 मार्च- प्रदोष व्रत

09 अप्रैल- प्रदोष व्रत

24 अप्रैल- शनि प्रदोष व्रत

08 मई- शनि प्रदोष व्रत

24 मई- सोम प्रदोष व्रत

07 जून- सोम प्रदोष व्रत

22 जून- भौम प्रदोष व्रत

07 जुलाई- प्रदोष व्रत

21 जुलाई- प्रदोष व्रत

05 अगस्त- प्रदोष व्रत

20 अगस्त- प्रदोष व्रत

04 सितंबर- शनि प्रदोष

18 सितंबर- शनि प्रदोष व्रत

04 अक्टूबर- सोम प्रदोष

17 अक्टूबर- प्रदोष व्रत

02 नवंबर- भौम प्रदोष

16 नवंबर- भौम प्रदोष

02 दिसंबर- प्रदोष व्रत

31 दिसंबर- प्रदोष व्रत

प्रदोष व्रत की कथा कुछ यूं है-

ज्योतिषाचार्य अनीष व्यास ने बताया कि एक शहर में 3 मित्र थे। उनमें से एक राजकुमार, एक ब्राह्मण कुमार और तीसरा अमीर का बेटा था। राजकुमार और ब्राह्मण कुमार विवाहित थे, धनिक पुत्र का भी विवाह हो गया था, लेकिन गौना होना बकाया था। एक दिन चर्चा में ब्राह्मण कुमार ने कहा- ‘नारीहीन घर भूतों का डेरा होता है।’ धनिक पुत्र ने यह सुना तो तुरन्त ही अपनी पत्नी को लाने का फैसला ले लिया। तब धनिक पुत्र के माता-पिता ने समझाया कि अभी शुक्र देवता डूबे हुए हैं, ऐसे में बहू-बेटियों को उनके घर से विदा करा कर लाना शुभ नहीं माना जाता। लेकिन उनके बेटे ने एक नहीं सुनी और ससुराल पहुंच गया।

ससुराल में भी उसे मनाने की कोशिश की गई लेकिन वो नहीं माना। कन्या के माता-पिता को अपनी बेटी की विदाई करनी पड़ी। विदाई के बाद पति-पत्नी शहर से निकले ही थे कि बैलगाड़ी का पहिया निकल गया और बैल की टांग टूट गई। दोनों को चोट लगी लेकिन फिर भी वो चलते रहे। कुछ दूर जाने पर डाकू उनका धन लूटकर ले गए। दोनों घर पहुंचे. वहां अमीर के बेटे को सांप ने डस लिया। उसके पिता ने वैद्य को बुलाया तो वैद्य ने बताया कि वो तीन दिन में मर जाएगा। जब ब्राह्मण कुमार को यह खबर मिली तो वो धनिक पुत्र के घर पहुंचा और उसके माता-पिता को शुक्र प्रदोष व्रत करने की सलाह दी। और कहा कि इसे पत्नी सहित वापस ससुराल भेज दें। धनिक ने ब्राह्मण कुमार की बात मानी और ससुराल पहुंच गया। धीरे-धीरे उसकी हालात ठीक हो गई और धन-सपंदा में कोई कमी नहीं रही।

डिसक्लेमर

'इस लेख में निहित किसी भी जानकारी/सामग्री/गणना की सटीकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संग्रहित कर ये जानकारियां आप तक पहुंचाई गई हैं। हमारा उद्देश्य महज सूचना पहुंचाना है, इसके उपयोगकर्ता इसे महज सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त, इसके किसी भी उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता की ही रहेगी। '  


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.