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समस्या से रू-ब-रू हो रहे तीर्थ यात्री

प्रशासनिक कुव्यवस्था के कारण उत्पन्न समस्या से बोधगया में पिंडदान करने आने वाले तीर्थ यात्री रू-ब-रू होते रहे। एक ओर कई जगहों पर सड़क जाम तो धर्मारण्य पिंडवेदी पर पेयजल, शौचालय की समस्या के साथ-साथ महिला तीर्थ यात्रियों को स्नान के बाद खुले में कपड़े बदलने की विवशता देखने को मिली। ऐसा नहीं है कि प्रशासन

By Edited By: Published: Wed, 25 Sep 2013 05:15 AM (IST)Updated: Wed, 25 Sep 2013 06:03 AM (IST)

बोधगया (गया), निज प्रतिनिधि। प्रशासनिक कुव्यवस्था के कारण उत्पन्न समस्या से बोधगया में पिंडदान करने आने वाले तीर्थ यात्री रू-ब-रू होते रहे। एक ओर कई जगहों पर सड़क जाम तो धर्मारण्य पिंडवेदी पर पेयजल, शौचालय की समस्या के साथ-साथ महिला तीर्थ यात्रियों को स्नान के बाद खुले में कपड़े बदलने की विवशता देखने को मिली। ऐसा नहीं है कि प्रशासन पितृपक्ष के तृतीया तिथि को बोधगया के होने वाले पिंडदान के विधान से परिचित नहीं है। लेकिन जिला प्रशासन ने सारी तैयारी गयाजी के शहरी क्षेत्र स्थित पिंडवेदी तक ही सीमित है।

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बोधगया स्थित पिंडवेदी का पितृपक्ष मेला से पूर्व स्थल का निरीक्षण और तैयारी की समीक्षा तक नहीं की गई। हां, जिला प्रशासन स्तर से धर्मारण्य पिंडवेदी के समीप पार्किंग शुल्क वसूली की व्यवस्था अवश्य की गई है। जिसका खामियाजा देश-विदेश से आने वाले तीर्थ यात्रियों भुगतने को विवश होना पड़ा। धर्मारण्य पिंडवेदी पर लगा समरसेबल मोटर एक पखवारा पूर्व चोरी चला गया। यहां केवल एक चापाकल है। जिसका पानी पेयजल के लिए इस्तेमाल किया जाता है। रविवार को होने वाली भीड़ के मद्देनजर न तो पानी के टैंकर और ना ही चलंत शौचालय की व्यवस्था जिला प्रशासन स्तर से किया गया। मुहाने नदी के तट पर खुले में शौच व स्नान के बाद कपड़े बदलने को तीर्थ यात्री मजबूर थे। यहीं हाल बोधगया शहरी क्षेत्र में भी है। चलंत शौचालय कहीं नहीं दिखता। जबकि चलंत शौचालय कालचक्र मैदान के समीप लगाने की घोषणा पूर्व में की गई थी।

भाजपा जिला उपाध्यक्ष सतीश कुमार सिन्हा कहते हैं कि जिला प्रशासन का पूरा ध्यान केवल हज यात्रियों पर है। यही कारण है कि बोधगया में पिंडदानियों के लिए कोई सुविधा प्रशासन स्तर पर मुहैया नहीं कराई जा रही।

परिवहन व्यवस्था की जानकारी से अनभिज्ञ तीर्थयात्री

बोधगया (गया)। जिला प्रशासन ने विश्व प्रसिद्ध पितृपक्ष मेला को लेकर भले ही गया शहर से बोधगया तक के लिए रिंग बस सेवा की सुविधा दी हो। जिसमें आवागमन करने पर सरकारी भाड़ा लिया जा रहा है। लेकिन रिंग बस सेवा की सुविधा से आगत पिंडदानी अनभिज्ञ हैं। क्योंकि इसका प्रचार-प्रसार जिला प्रशासन स्तर से नहीं कराया गया। गत वर्ष तक गया से बोधगया तक बिहार राज्य पथ परिवहन निगम द्वारा बसें चलाई जाती थी। जिसका स्टाल कालचक्र मैदान के समीप होता था। और ध्वनि विस्तारक यंत्र से प्रचार-प्रसार किया जाता था। जिससे बोधगया से गया स्टेशन व अन्य पिंडवेदियों तक आवागमन करने में तीर्थ यात्रियों को सुविधा होती थी। निगम द्वारा पितृपक्ष मेला के दौरान अन्य डिपो से भी बस की व्यवस्था की जाती थी। लेकिन अब यह परंपरा टूट गई। बस परिचालन की जानकारी नहीं रहने के कारण तीर्थ यात्री टेम्पो चालकों के कोपभाजन बन रहे हैं। टेम्पो चालक तीर्थ यात्री को सवार कर मनमाने भाड़े की वसूली कर रहे हैं और पिंडवेदी के पहले ही पुलिस का हवाले देते हुए उतार रहे हैं।

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