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पिंडदानियों से पटा रहा विष्णुपद का चप्पा-चप्पा

पितृपक्ष मेला अब मध्यांतर पर है। यहां आने वाले पिंडदानी 15 एवं 17 दिनों के लिए पिंडदान करने के साथ-साथ एक या फिर दो दिनों का पिंडदान भी कर रहे हैं। एक से दो दिनों में पिंडदान के कर्मकांड को पूरा कर रहे हैं। मेला के

By Edited By: Published: Wed, 17 Sep 2014 02:34 PM (IST)Updated: Wed, 17 Sep 2014 02:40 PM (IST)
पिंडदानियों से पटा रहा विष्णुपद का चप्पा-चप्पा

गया नगर। पितृपक्ष मेला अब मध्यांतर पर है। यहां आने वाले पिंडदानी 15 एवं 17 दिनों के लिए पिंडदान करने के साथ-साथ एक या फिर दो दिनों का पिंडदान भी कर रहे हैं। एक से दो दिनों में पिंडदान के कर्मकांड को पूरा कर रहे हैं।

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मेला के 9 वें दिन मंगलवार को विष्णुपद मंदिर परिसर में स्थित 16 वेदी पर पिंडदान करने के लिए काफी संख्या में पिंडदानी पहुंचे। विष्णुपद मंदिर परिसर में पिंडदानियों से चप्पा-चप्पा पटा था। इस परिसर में पैर रखने की जगह नहीं मिल रही थी। फिर भी पुरोहितों ने समय और जगह बनाकर पिंडदानियों को कर्मकांड करा रहे थे। पिंडदानी भी भीड़ की परवाह न करते हुए कर्मकांड कर रहे थे। मंदिर परिसर कर्मकांड के लिए होने वाले मंत्रों के उच्चारण से गूंज रहा था। चहुंओर पुरोहित और पिंडदानी दोनों कर्मकांड में व्यस्त दिखे।

16 वेदी में पिंडदान करने के बाद पिंडदानी अवश्य एक बार श्रीहरि के चरण पर अपना मत्था टेक रहे थे। माथा टेकने के लिए पिंडदानियों को लाइन लगनी पड़ी। लाइन लगाने के लिए बाल पुरोहित या फिर सुरक्षा गार्ड लगे हुए थे। ताकि श्रीहरि के दर्शन करने में पिंडदानियों को कोई सुविधा नहीं हो। ऐसी व्यवस्था विष्णुपद मंदिर प्रबंध समिति द्वारा की गई है।


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