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पितृ पक्ष: दोषों के शमन के लिए पंद्रह दिनों में मौका देख रहे चिंतातुर

यह ब्रज नगरी है। यहां हर घड़ी उत्सव का माहौल रहता है। हंिदूू समाज पूरे देश में पितृ पक्ष में मांगलिक कार्य आयोजित नहीं करता, लेकिन अपने ब्रज में धार्मिक अनुष्ठानों की बाढ़ आयी हुई है। रविवार को पूर्णिमा के मौके पर मथुरा, वृंदावन समेत पूरे ब्रज क्षेत्र में श्रीमद

By Preeti jhaEdited By: Published: Mon, 28 Sep 2015 04:26 PM (IST)Updated: Mon, 28 Sep 2015 04:33 PM (IST)
पितृ पक्ष: दोषों के शमन के लिए पंद्रह दिनों में मौका देख रहे चिंतातुर

मथुरा। यह ब्रज नगरी है। यहां हर घड़ी उत्सव का माहौल रहता है। हंिदूू समाज पूरे देश में पितृ पक्ष में मांगलिक कार्य आयोजित नहीं करता, लेकिन अपने ब्रज में धार्मिक अनुष्ठानों की बाढ़ आयी हुई है। रविवार को पूर्णिमा के मौके पर मथुरा, वृंदावन समेत पूरे ब्रज क्षेत्र में श्रीमद भागवत के मूल पाठ, रामायण, ग्रह जाप आदि के कार्यक्रम शुरू हो गए।

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सोमवार से श्रद्धपक्ष शुरू हो रहा है। रविवार दोपहर में पूर्णिमा लगी और सोमवार को सुबह करीब 8.30 बजे तक पूर्णिमा ही रहेगी। इस दौरान रविवार को तमाम जगह श्रीमद्भागवत के मूल पाठ प्रारंभ कराए गए। दरअसल श्रीमद्भागवत संस्कृत भाषा में है। भागवताचार्य हंिदूी में इसका व्याख्यान करते हैं, लेकिन असली पाठ तो संस्कृत में ही होता है। मान्यता है, श्रद्ध पक्ष में श्रीमद्भागवत का मूल पाठ कराने से पुरखों को शांति मिलती है। मथुरा-वृंदावन में तमाम परिवार श्रद्ध पक्ष लगते ही पहली बार श्रीमद्भागवत का मूल पाठ करा रहे हैं, तो कई परिवारों में दूसरी या तीसरी बार भी आयोजन हो रहे हैं। आचार्यों का कहना है पहली बार पुरखों की शांति और दूसरी बार उनकी प्रसन्नता के लिए मूल पाठ कराया जाता है।

वृंदावन के कई आचार्य कर्मकांड करने वाले पंडितों को मथुरा के बाहर लेकर भी गए हैं। गुजरात, महाराष्ट्र, राजस्थान और पश्चिम बंगाल भी सैकड़ों की संख्या में कर्मकांडी गए हैं। इसी प्रकार रामायण पाठ भी मंदिरों और आश्रमों के अलावा परिवारों में शुरू हुए हैं। अपनी परेशानियों के शमन के लिए लोग ग्रह जाप कराने में भी व्यस्त हैं। उनका कहना है कि श्रद्ध पक्ष में ग्रह जाप कराने समेत किसी भी प्रकार का धार्मिक अनुष्ठान विशेष फल प्रदान करता है।6श्रद्ध में पूर्णिमा से शुरू हुए मूल पाठ रामायण और ग्रह जाप16दोषों के शमन के लिए पंद्रह दिनों में मौका देख रहे चिंतातुरे दो दिन पहले मुंबई पहुंचे वृंदावन के आचार्य अनिल शास्त्री की एक टीम यजमान के यहां सात दिन तक मूल पाठ करेगी, जबकि वह स्वयं 30 सितंबर से राधापुरम एस्टेट में मूल पाठ करने में व्यस्त हो जाएंगे। उन्होंने बताया, इस श्रद्ध में मूल पाठ की उनकी एक बुकिंग आगरा में भी है। भूतेश्वर निवासी करपात्री द्विवेदी ने बताया, उनकी टीम ने एक इंस्टीट्यूशंस ग्रुप की बेहतरी के लिए पूर्णिमा से श्रीसूक्त का अनुष्ठान शुरू किया है, जो पूरे श्रद्ध पक्ष और नवरात्र तक चलेगा।

महोली रोड के गीता आश्रम निवासी महेश पंडित ने बताया, उनकी 11 सदस्यीय टीम पूरे श्रद्ध पक्ष में ग्रह जाप में व्यस्त रहने वाली है। वह और बुकिंग लेने की स्थिति में नहीं हैं।


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