51 Shaktipeeth: Navratri 2021 में जानें मां दुर्गा के 51 शक्तिपीठों की महत्ता
51 Shaktipeeth सती के अग्निकुंड में स्वयं को समर्पित करते ही शिवजी क्रोधाग्नि में जलने लगते हैं। वे सती के शरीर को अपने साथ लेकर तांडव नृत्य करने लगते हैं। वे संसार के विनाश के लिए चल पड़ते हैं।
51 Shaktipeeth: इतिहासकार और लेखिका अलका पांडे ने अपनी पुस्तक 'शक्ति : 51 सेक्रेड पीठाज आफ द गाडेस' में सर्वशक्तिमान देवी शक्ति के गुणों का बखान किया है और विश्वविख्यात 51 शक्तिपीठों के बारे में धार्मिक और आध्यात्मिक दृष्टिकोण से बताया है। जैसा कि हम सभी यह पौराणिक कथा जानते हैं कि सती के अग्निकुंड में स्वयं को समर्पित करते ही शिवजी क्रोधाग्नि में जलने लगते हैं। वे सती के शरीर को अपने साथ लेकर तांडव नृत्य करने लगते हैं। वे संसार के विनाश के लिए चल पड़ते हैं।
ऐसे बनें देवी के 51 शक्तिपीठ
तब संपूर्ण ब्रह्मांड को बचाने के लिए भगवान विष्णु ने अपना सुदर्शन चक्र चला दिया। चक्र से सती का शरीर 51 भागों में विभाजित हो जाता है। सती के शरीर के सभी 51 खंड पृथ्वी के अलग-अलग स्थान पर गिर गए। सती के शरीर का स्पर्श पाते ही ये सभी स्थान परम पूजनीय शक्तिपीठ बन गए।
लेखिका के अनुसार, ये सभी शक्तिपीठ न सिर्फ धर्म, बल्कि दर्शन और अध्यात्म के दृष्टिकोण से भी महत्वपूर्ण हैं। इन शक्तिपीठ की अपनी-अपनी पूजा-पद्धति और अपनी-अपनी महत्ता है। इन पीठों की कथाएं लोक में शामिल हो गईं। हजारों वर्ष बीत जाने के बावजूद ये कथाएं उसी स्वरूप में आज भी प्रेरणादायी हैं।
लेखिका ने हर शक्तिपीठ के बारे में पौराणिक आख्यानों का संदर्भ देते हुए विस्तार से बताया है। प्रत्येक अध्याय की शुरुआत देवी के श्लोक से होती है। ये श्लोक पाठक के मन में असीम शांति और उमंग का संचार करते हैं। पुस्तक में सभी शक्तिपीठों के आकर्षक चित्र भी दिए गए हैं, जो आत्मिक ऊर्जा का भाव जगाते हैं।
लेखिका अंत में बताती हैं कि भले ही देवी के 51 शक्तिपीठ हैं, लेकिन वे सर्वत्र मौजूद हैं। वे जगत की पालनकर्ता हैं। वे अपने भक्तों के हर विघ्न और बाधा को दूर करती हैं, लेकिन जरूरत पडऩे पर संहार भी करती हैं।
स्मिता सिंह
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पुस्तक : शक्ति : 51 सेक्रेड पीठाज आफ द गाडेस
लेखिका : अलका पांडे
प्रकाशन : रूपा पब्लिकेशन