नंदा क्षेत्रपाल, राजराजेश्वरी पहुंची धरा
लासी के जाख देवता से मिलन के बाद नंदा देवी की डोली आठवें पड़ाव पर क्षेत्रपाल पहुंची , वहीं राज राजेश्वरी की डोली चेपड़ों से कोठी होते हुए धरा तल्ला पहुंची है। प्रात: नौ बजे जाख देवता के मंदिर में सैकड़ों श्रद्धालुओं के बीच जाख देवता का आह्वान किया गया।
गोपेश्वर। लासी के जाख देवता से मिलन के बाद नंदा देवी की डोली आठवें पड़ाव पर क्षेत्रपाल पहुंची , वहीं राज राजेश्वरी की डोली चेपड़ों से कोठी होते हुए धरा तल्ला पहुंची है। प्रात: नौ बजे जाख देवता के मंदिर में सैकड़ों श्रद्धालुओं के बीच जाख देवता का आह्वान किया गया। जाख देवता के अवतरित होने पर देवनृत्य के साथ मां नंदा देवी व जाख देवता का मिलन हुआ।
जाख देवता व नंदा देवी की पूजा अर्चना के साथ श्रद्धालुओं ने मनौतियां मांगी। इसके बाद मां नंदा के लोक जागरों के साथ लोकजात यात्रा रवाना की गई। लासी से रवाना हुई लोकजात यात्रा लस्यारी,हरमनी, रांगतोली,चमोली होते हुए 10 किमी पैदल दूरी तय कर क्षेत्रपाल गांव पहुंची। लोकजात यात्रा मार्ग पर श्रद्धालु जगह जगह मां नंदा देवी की डोली का इंतजार कर रहे थे। यात्रा जैसे जैसे आगे बढ़ रही थी श्रद्धालुओं की संख्या भी बढ़ रही है। गांवों में नंदा के आगमन पर त्योहार जैसा माहौल है। गांवों में ध्याणियां सहित नाते रिश्तेदार भी नंदा की पूजा में शामिल होने के लिए पहुंचे हैं। मां राज राजेश्वरी की डोली भी प्रात: नौ बजे पूजा अर्चना के बाद चेपड़ों से कोट, कोठी होते हुए धरा तल्ला गांव पहुंची। छह किमी की इस पैदल यात्रा में राज राजेश्वरी मां का जगह जगह श्रद्धालुओं ने पूजा अर्चना की। मां राज राजेश्वरी की पिंडर घाटी में पहुंचने पर श्रद्धालुओं में खासा उत्साह है।
इस अवसर पर मां नंदा देवी मंदिर समिति के अध्यक्ष कैप्टेन भगवत सिंह बिष्ट, पूर्व अध्यक्ष हयात सिंह कठैत, पुजारी मुंशीचंद्र गौड़, योगेश प्रसाद गौड सहित कई लोग शामिल थे