Motivational Story: जब सोने के सिक्के से मन पर बैठने लगी मैल, पढ़ें यह प्रेरक कथा
Motivational Story कई बार आपने देखा होगा कि घर में कोई कीमती उपहार आने के कारण दो भाइयों में उसे पाने की लड़ाई होने लगती है। मनुष्य स्वभाव ही ऐसा है कि वह कीमती चीजों को स्वयं पा लेना चाहता है।
Motivational Story: कई बार आपने देखा होगा कि घर में कोई कीमती उपहार आने के कारण दो भाइयों में उसे पाने की लड़ाई होने लगती है। मनुष्य स्वभाव ही ऐसा है कि वह कीमती चीजों को स्वयं पा लेना चाहता है। वह कीमती वस्तु ही रिश्तों को प्रभावित करने लगता है। कई बार वो इंसान के अंदर की अच्छाई को ढक देता है। एक बार ऐसे ही एक सोने के सिक्के के लिए दो भाइयों में झगड़ा होने लगा, तो पिता ने उनको एक प्रेरक बात बताई। आइए पढ़ते हैं यह प्रेरक कथा।
एक गांव में मोहन नाम का एक लड़का रहता था। वह एक ईमानदार बच्चा था। जब भी वह कोई बुरा काम होते हुए देखता था, तब वह उसे रोकने की कोशिश करता था। उसके इस खूबी के कारण जब वह 36 वर्ष का हुआ, तब उसे गांव का सरपंच बना दिया गया। अब उसको दो बच्चे भी हुए। एक का नाम था मोती और दूसरे का नाम था सागर। वह दोनों बहुत ही सच्चे भाई थे। वे कभी लड़ते-झगड़ते नहीं थे।
जैसे लव-कुश नाम पूरे भारत में प्रसिद्ध है, वैसे ही मोती-सागर नाम भी उस गांव में प्रसिद्ध था। वे दोनों 9 साल के थे। पर एक दिन, उनके बीच में मनमुटाव हो गया। वे दोनों एक उपहार के लिए लड़ने-झगड़ने लगे। उस उपहार में एक चमकता सोने का सिक्का था। बात इतनी बढ़ गई कि उन्हें मोहन के पास जाना पड़ा।
मोहन ने दोनों की पूरी बात सुनी और समझाया कि यह चमकता सोने का सिक्का तुम्हारे चमकते दिल पर धूल छिड़क रहा है। यह सिक्का इंसानों को जलाने के लिए ही बना है। वह चमकती रोशनी बस एक साधारण सिक्के को खास बना रही है, लेकिन तुम्हारे चमकते इरादों, भाईचारे और ईमानदारी को किसी भी दिखावे की जरूरत नहीं है।
इन बातों को सुनकर उन्हें सच्चे उपहार का मतलब समझ में आ गया और उनके बीच का झगड़ा खत्म हो गया। वह सिक्का सही-सलामत भारत सरकार को दे दिया गया।
-ईशान