Monday Motivation: दौड़ जीतने के लिए नहीं, दौड़ने के लिए दौड़ें
Monday Motivation जागरण आध्यात्म लेकर आया है आपके लिए पॉजिटिव एनर्जी से भरी कुछ बातें जो बनाएंगी आपके इस सप्ताह को ऊर्जा से लबरेज।
Monday Motivation: सोमवार। हफ्ते का पहला वार। मतलब की साप्ताहिक ऊर्जा का सबसे बड़ा दिन। दफ्तर, व्यापार सब में आज के दिन की महत्ता है क्योंकि आज पिछले हफ्ते के ढेरों पेंडिंग काम निपटाने होते हैं और इस सप्ताह के कई नए काम शुरू करने होते हैं। कोरोना के इस काल में आप वर्क फ्रॉम होम कर रहे हैं तो भी और ऑफिस जाने लगे हैं तो भी, इस वक्त पॉजिटिव एनर्जी की भरपूर दरकार है। इसी को ध्यान में रखकर जागरण आध्यात्म लेकर आया है आपके लिए पॉजिटिव एनर्जी से भरी कुछ बातें, जो बनाएंगी आपके इस सप्ताह को ऊर्जा से लबरेज।
मंडे मोटिवेशनल कोट्स की शुरुआत करते हैं राहत इंदौरी जी के शेर के साथ। हाल ही में राहत साहब का इंतेकाल हुआ है पर उनकी शायरी, उनकी नज्में हमें ऊर्जा देती रहेंगी। बड़ी से बड़ी तलीफ आ जाने पर आप राहत इंदौरी का ये शेर याद रखें-
शाख़ों से टूट जाएं वो पत्ते नहीं हैं हम,
आंधी से कोई कह दे कि औक़ात में रहे।
अक्सर लोग जॉब इंटरव्यू देते हैं, रिजेक्ट हो जाते हैं। परेशान रहते हैं कि मुझ में कॉन्फीडेंस की कमी है। मेरे अंदर कॉन्फीडेंस क्यों नहीं आता। जरूरत इस बात की है कि कॉन्फीडेंस है क्या? ये समझ लें। कॉन्फीडेंस वो नहीं कि लोग आपको पसंद करेंगे ही, कॉन्फीडेंस यह है कि जब वो पसंद न भी करें तब भी आप ठीक हों। आमतौर पर देखा गया है कि ऑफिस में छोटे मोटे बदलाव से, आपके टास्क में चेंज होने से लोग घबराने लगते हैं। ये सोचने लगते हैं मुझे क्यों हटाया गया? मेरे खिलाफ कोई साजिश तो नहीं? ऐसा सोचने वालों को ये पंक्तियां हमेशा याद रखनी चाहिए— हर छोटा बदलाव बड़ी कामयाबी का हिस्सा होता है।
जीत को लेकर बड़ा कंफ्यूजन है लोगों के दिमाग में। जिंदगी की रेस में हर कोई दौड़ना क्यों चाहता है, दौड़ता है तो नंबर वन ही क्यों आना चाहता है। बच्चों को किसी भी गेम में भाग लेने का जज्बा जगाइए, पहले नंबर पर आने की होड़ मत दीजिए, वरना वो हार बर्दाश्त करना नहीं सीखेगा। जरूरी ये नहीं है कि आप दौड़ में किस नंबर पर आए, जरूरी ये है कि दौड़ आपने कितने मन से दौड़ी।