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    Mohini Ekadashi 2024: मोहिनी एकादशी पर लगाएं श्री हरि विष्णु को इन चीजों का भोग, घर खुद चलकर आएंगी मां लक्ष्मी

    Updated: Thu, 16 May 2024 12:59 PM (IST)

    मोहिनी एकादशी (Mohini Ekadashi 2024) पर भगवान विष्णु की पूजा होती है। वैशाख माह के शुक्ल पक्ष में पड़ने वाली एकादशी को मोहिनी एकादशी के नाम से जाना जाता है। ऐसी मान्यता है जो भक्त इस पवित्र दिन का उपवास रखते हैं उन्हें सुख-सौभाग्य की प्राप्ति होती है। इस साल यह एकादशी 19 मई 2024 दिन रविवार को मनाई जाएगी।

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    Mohini Ekadashi 2024: श्री हरि विष्णु भोग -

    धर्म डेस्क, नई दिल्ली। Mohini Ekadashi 2024: मोहिनी एकादशी हिंदुओं के बीच बहुत धार्मिक और आध्यात्मिक महत्व रखती है। इस दिन भगवान विष्णु की पूजा होती है। हर साल 24 एकादशी मनाई जाती हैं। इस बार मोहिनी एकादशी का व्रत वैशाख माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि यानी 19 मई, 2024 को रखा जाएगा। वहीं, ज्योतिष शास्त्र में इस दिन को लेकर कई उपाय और नियम बताए गए हैं, जिन्हें करने से आपके जीवन की सभी मुश्किलें दूर हो सकती हैं।

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    इसके अलावा इसमें भगवान विष्णु के प्रिय भोग का भी जिक्र किया गया है, जिसे अर्पित करने से उनकी विशेष कृपा प्राप्त होती है।

    श्री हरि को लगाएं पीली मिठाई और पंचामृत का भोग

    मोहिनी एकादशी पर भगवान विष्णु को पीली मिठाई और पंचामृत का भोग लगाना बहुत शुभ माना जाता है। ऐसी मान्यता है कि ये दोनों ही चीजें उन्हें बेहद प्रिय हैं। इसे श्री हरि को अर्पित करने से घर में कभी धन का अभाव नहीं रहता है। साथ ही शुभ फलों की प्राप्ति होती है। इसलिए उन्हें पीली मिठाई जरूर चढ़ाएं।

    विष्णु जी को लगाएं केसर की खीर का भोग

    भगवान विष्णु को केसर की खीर बहुत पंसद है। उन्हें इस खीर का भोग लगाने से जीवन में खुशहाली बनी रहती है। ऐसा माना जाता है कि जो साधक मोहिनी एकादशी पर भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी को यह भोग अर्पित करते हैं, उन्हें जीवन में किसी वस्तु के लिए परेशान नहीं होना पड़ता है।

    भगवान श्री हरि विष्णु को लगाएं पंजीरी का भोग

    मोहिनी एकादशी पर भगवान विष्णु को पंजीरी का भोग जरूर लगाना चाहिए, यह उन्हें अतिप्रिय है। ऐसा कहा जाता है कि जो लोग इसे नारायण को अर्पित करते हैं, उन्हें उनका पूर्ण आशीर्वाद प्राप्त होता है। साथ ही सभी मनोकामनाओं की पूर्ती होती है, लेकिन किसी भी भोग को अर्पित करते समय इस बात का ध्यान रखें कि उसमें तुलसी पत्र जरूर शामिल हो।

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    अस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है।